यूपी टीईटी पेपर लीक मामला: STF ने मुख्य आरोपी डॉ. संतोष को दबोचा, पुलिस से बचने के लिए बदलता रहा लोकेशन

यूपी टीईटी पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी डॉ संतोष चौरसिया को आलमबाद से गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में एसटीएफ के हाथ कई अहम जानकारी लगी हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2021 9:40 AM

UPTET paper leak case: यूपी टीईटी पेपर लीक मामले में आरोपियों के खिलाफ एसटीएफ (STF) की धरपकड़ लगातार जारी है. मामले में फरार चल रहे आरोपी डॉक्टर संतोष चौरसिया को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में कई अहम जानकारियां टीम के हाथ लगी हैं. संतोष ने बताया कि गिरोह परीक्षा के करीब एक महीने पहले से ही एक्टिव हो गया था. फिलहाल, आरोपी से मिली जानकारी के आधार अन्य आरोपियों की भी तलाश जारी है.

20 लाख रुपए में कराया पेपर लीक

दरअसल, पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी डॉ संतोष चौरसिया को आलमबाद से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी ने पूछताछ के दौरान एसटीएफ टीम को बताया कि, वह 26 नवंबर को नोएडा गया था, जहां 27 नवंबर को उसकी मुलाकात राहुल मिश्रा से हुई. पेपर लीक कराने के लिए उससे 40 लाख रुपए की मांग की गई, बाद में मामला 20 लाख रुपए में तय हो गया.

संतोष को व्हाटसएप पर मिला पेपर

मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी राहुल ने 27 नवंबर की देर रात संतोष को पेपर व्हाटसएप पर भेज दिया. इसके बाद संतोष ने पेपर के जरिए लाखों रुपए कामने के लिए रोशन नाम के व्यक्ति को 5 लाख रुपए में पेपर बेच दिया. इसके अलावा अन्य लोगों को भी पेपर बेचता रहा. उसे अब तक 10 लाख रुपए मिल चुके थे.

पुलिस से बचने के लिए बदलता रहा लोकेशन

संतोष को जैसे ही पता चला की पेपर लीक होने की जानकारी पुलिस और प्रशासन को लग गई है, वह बिना किसी देरी के मोबाइल तोड़कर लखनऊ से फरार हो गया. इस दौरान वह पुलिस से बचने के लिए राज्य के अलग-अलग शहरों में घूमता रहा, और आखिर में पुलिस ने उसे आलमबाग से गिरफ्तार कर लिया.

अपराध की दुनिया में बहुत पहले से डॉ.संतोष

आगरा के ग्राम पुरा नहरौली निवासी आरोपी डॉ.संतोष के खिलाफ धोखाधड़ी और सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम समेत अन्य धाराओं में दर्जनों मुकदमे दर्ज है. एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के अनुसार, संतोष ने साल 2007 में दिल्ली के एक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी. जबकि वह वर्ष 2003 से ही सॉल्वर की मदद से प्रतीयोगी परीक्षाओं में सेंध लगाने का काम कर रहा था.

व्यापम घोटाले में भी संतोष आरोपित रहा है

संतोष ने साल 2004 में मध्य प्रदेश पीएमटी में साल्वर की मदद से दो अभ्यर्थियों का चयन कराने की बात भी स्वीकार की है. इस मामले में उसके खिलाफ ग्वालियर के विजयनगर थाने में दो मुकदमे भी दर्ज हैं. साथ ही बहचुर्चित व्यापम घोटाले में भी संतोष आरोपित रहा है. इस घोटाले में उसके खिलाफ छह मुकदमे दर्ज हैं, आरोपी कई बार जेल भी जा चुका है.

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