Lucknow : यूपी के जिला सोनभद्र में फर्जी रिलीज ऑर्डर और न्यायालय की फर्जी रसीदें बनाकर बड़े स्तर पर विभिन्न थानों से छुड़ाए गए वाहनों के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. न्यायालय से जारी 82 सीआरपीसी की नोटिस तामील कराने के बावजूद, उपस्थित ना होने पर तत्कालीन एआरटीओ प्रवीण शंकर राय समेत तीन को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. मामले की जांच कर रहे म्योरपुर थानाध्यक्ष अविनाश कुमार सिंह के तरफ से इस मामले में तीनों के खिलाफ अलग से एक एफआइआर भी दर्ज कराई गई है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों न्यायालय के नाम की फर्जी रसीदें बनाकर लगभग 300 वाहनों को छुड़ाए जाने का मामला सामने आया तो डीएम चंद्र विजय सिंह की सख्ती और विभागीय शिकंजा कसने के बाद तत्कालीन एआरटीओ प्रवीण शंकर राय की तरफ से म्योरपुर, हाथीनाला, चोपन, विंढमगंज और बभनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. मामले में पुलिस ने जांच शुरू की तो बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की बात तो सामने आई ही, बाहरी लोगों के साथ तत्कालीन एआरटीओ और तत्कालीन पटल सहायक को भी फर्जीवाड़े का दोषी पाया गया.
इस मामले में अब तक आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं तत्कालीन एआरटीओ प्रवीण शंकर राय सहित तीन लोग फरार हैं. उनकी फरारी को देखते हुए पुलिस ने अदालत को वस्तुस्थिति की जानकारी दी थी.
इस पर अदालत से 82 सीआरपीसी की नोटिस जारी की गई थी. अप्रैल माह के पहले हफ्ते में नोटिस का तामिला भी करा दिया गया था. बावजूद अब तक फरारी काट रहे मूलतः बलिया निवासी, वर्तमान में वाराणसी में रह रहे प्रवीण शंकर राय, राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के निपराज निवासी पंकज पटेल और उरमौरा निवासी वैभव मिश्रा के बारे में न तो पुलिस को कोई जानकारी मिल सकी है, न ही नोटिस तामिला कराए जाने के बाद उपरोक्त तीनों में से कोई न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ है.
इसको देखते हुए प्रभारी निरीक्षक म्योरपुर अविनाश कुमार सिंह की तरफ से तीनों के खिलाफ धारा 174-ए आईपीसी के तहत म्योरपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है.