Lucknow News: मालेगांव विस्फोट मामले के एक गवाह ने मंगलवार 28 दिसंबर को एक अदालत में दावा किया कि आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस/ATS) ने उसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस/RSS) के चार नेताओं के नाम लेने के लिए मजबूर किया था. इस गवाह का बयान महाराष्ट्र एटीएस ने दर्ज किया था.
बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह उस वक्त एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त थे. उन्होंने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच की थी. सिंह जबरन वसूली के कई मामलों का अभी सामना कर रहे हैं. गवाह ने विशेष एनआईए अदालत में गवाही दी कि एटीएस के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी परमबीर सिंह और एक अन्य अधिकारी ने उसे उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और इंद्रेश कुमार सहित आरएसएस के चार नेताओं का नाम लेने को कहा था. उसने दावा किया कि एटीएस ने उसे प्रताड़ित किया था और अवैध रूप से (एटीएस कार्यालय में) बैठा कर रखा था.
अब इस मामले के खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर भाजपा और विरोधी दलों को एक और मुद्दा मिल गया है. वे चुनाव के प्रचार में इस बयान का अपने-अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं.