Lucknow: पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हुई बैठक में जमीन और पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में चर्चा की. मीटिंग में मौजूद एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अयोध्या में मंदिर वास्तुकला का एक संग्रहालय बनाने का फैसला लिया गया. इस संग्रहालय में देशभर के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों की प्रतिकृतियां होंगी, जो उनकी वास्तुकला पर केंद्रित होंगी. अधिकारी ने बताया कि मीटिंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य के शहरी विकास मंत्री एके शर्मा भी शामिल हुए.
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी अयोध्या में मंदिर संग्रहालय बनाने की जानकारी दी गई थी. इसमें कहा गया कि देशभर के प्रसिद्ध मंदिरों के इतिहास को दिखाने के लिए अयोध्या में संग्रहालय बनाने की योजना पर काम शुरू है. एक अधिकारी ने बताया कि सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए खाका तैयार कर रही है. अयोध्या के आयुक्त गौरव दयाल ने बताया कि यह मंदिर 10 एकड़ से अधिक भूमि पर बनाए जाने की योजना है. इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया गया.
दयाल के अनुसार, संग्रहालय में मंदिर के विभिन्न पहलुओं जैसे उसके डिजाइन, निर्माण आदि को प्रदर्शित करने वाली अलग-अलग दीर्घाएं होंगी. उन्होंने बताया कि प्रस्तावित संग्रहालय की दीर्घाओं में देश के प्रसिद्ध मंदिरों की विशिष्टताओं और वास्तुकला को चित्रों और भित्ति चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा. इसमें ‘लाइट एंड साउंड शो’ भी आयोजित किया जाएगा. इस संग्रहालय का मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म और इसकी विरासत के बारे में जागरुकता लाना है, साथ ही दर्शन, धार्मिक व्यक्तित्व, धार्मिक केंद्र, हिंदू तीर्थस्थलों को भी यहां प्रदर्शित किया जाएगा.
गौरतलब है कि तीर्थ नगरी अयोध्या में कम से कम 6 हजार मंदिर हैं और सामान्य दिनों में लगभग 3 लाख लोग यहां आते हैं. जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि मकर संक्रांति, राम नवमी, जुलाई-अगस्त में सावन झूला मेला, चौदह कोसी परिक्रमा, अक्टूबर-नवंबर में पंच कोसी परिक्रमा और दीपों के पर्व दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान यहां आने वालों की संख्या लगभग 10 लाख तक हो जाती है. अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर श्रद्धालुओं के लिए अगले साल जनवरी में खुलने की उम्मीद है.
अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनैशनल एयरपोर्ट से इंडिगो एयर लाइंस के साथ ही स्पाइस जेट, एयर इंडिया और बुद्धा एयर लाइंस अपनी उड़ान शुरू करने के लिए तैयार हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम (एमपीएस) इंटरनैशनल एयरपोर्ट के डायरेक्टर विनोद कुमार के मुताबिक, यहां से पहले चरण में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद के लिए उड़ान शुरू करने की योजना है. इसके बाद यात्रियों की आमद और मांग को देखते हुए अन्य बड़े शहरों के लिए उड़ानें शुरू की जाएंगी. यहां से उड़ान भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले नवंबर 2023 से शुरू कर दिया जाएगा.
विनोद कुमार ने बताया कि अयोध्या एयरपोर्ट के पहले फेज का निर्माण अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा. पूरी कोशिश है कि टर्मिनल का बचा 25 फीसदी काम जल्द पूरा कर लिया जाए. 2200 मीटर लंबा रनवे का निर्माण पूरा हो गया है. जब एयरपोर्ट के विस्तार में दूसरे फेज का काम शुरू होगा तो रनवे की लंबाई 3125 मी और तीसरे फेज के निर्माण में इसकी लंबाई 3750 मी तक की जाएगी. उसी के बाद अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स शुरू होंगी. उन्होंने बताया कि फिलहाल सारा फोकस पहले चरण का निर्माण पूरा कर डोमेस्टिक फ्लाइट्स शुरू करने पर है.
एयरपोर्ट के डायरेक्टर ने बताया कि टर्मिनल का निर्माण अक्टूबर में पूरा होते ही डीजीसीए से उड़ानें शुरू करने की अनुमति के लिए आवेदन किया जाएगा. डीजीसीए की टीम एयरपोर्ट का निरीक्षण करने के बाद उड़ानें शुरू करने की अनुमति दे देगी. विनोद कुमार ने बताया कि अयोध्या एयरपोर्ट के पहले फेज का बजट 321 करोड़ का है. दूसरे और तीसरे फेज के निर्माण में अतिरिक्त फंड लगेगा. पूरा एयरपोर्ट 821 एकड़ जमीन पर बनेगा, जिसमें से एयरपोर्ट को 799 एकड़ जमीन मिल चुकी है. बाकी के लिए भी प्रशासन कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने कहा कि फिलहाल जमीन और फंड को लेकर कोई दिक्कत नहीं है.