लखनऊ: यूपी सरकार ने हड़ताली बिजली कर्मियों के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया है. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने शनिवार को बताया कि 22 नेताओं के ऊपर एस्मा के तहत कार्रवाई करते हुए एफआईआर करायी गयी है. इसके अलावा सरकार की सम्पत्ति को नुकसान या जनता की सेवा में बाधा, अन्य कर्मचारियों को रोकने वाले 27 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर करायी गयी है. 6 कर्मचारियों को निलंबित करते हुए लखनऊ से बाहर सम्बद्ध किया जा रहा है.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि 1332 सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं. आउट सोर्सिंग की नौकरी स्थायी नहीं है. पहले भी संविदा कर्मचारियों को वार्निंग दी गयी थी. उन्हें शनिवार को शाम 6 बजे तक काम पर लौटने का समय दिया गया है. यदि कर्मचारी वापस नहीं लौटे तो उनकी जगह नयी भर्ती की जाएगी. इसके लिये आईटीआई, पॉलिटेक्निक के छात्रों की सूची मांगी गयी है. आउटसोर्सिंग कंपनियों को नयी भर्ती के लिये कहा गया है.
ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि शुक्रवार को हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद उम्मीद थी कर्मचारी उसका सम्मान करेंगे. हाईकोर्ट ने बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट ने 6 दिसंबर 2022 के आदेश का संदर्भ देते हुए हड़ताल को जनहित में नहीं माना है. हाईकोर्ट मानता है कि यह हड़ताल जनहित के विरुद्ध है. इसमें जनता को परेशान किया जा रहा है. इस हड़ताल को हाईकोर्ट ने ‘अगेंस्ट नेशनल इंट्रेस्ट’ माना है. इसी के बाद अवमानना की नोटिस दी गयी है.
एके शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश जैसे ही सामने आया, यूपीपीसीएल की तरफ से संघर्ष समिति के सभी लोगों से व्यक्तिगत रूप से कहा गया एस्मा लगा है. हाईकोर्ट ने ऑर्डर किया है, स्ट्राइक अनुचित है, कृपया हड़ताल खत्म करें. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के 24 घंटे बाद भी उसके आदेश की अवमानना की जा रही है. सोशल मीडिया पर संदेश प्रचारित किये जा रहे हैं.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों ने विद्यार्थियों की परीक्षा को भी गंभीरता से नहीं लिया है. राजस्व वसूली की दृष्टि से भी दिक्कतें आ रही हैं. उन्होंने सुबह सीएम योगी को हड़ताल से सम्बंधित पूरी जानकारी दी है. हाईकोर्ट ने भी सरकार को कार्रवाई के लिये निर्देशित किया है. सभी को अंतिम चेतावनी दे दी गयी है.