मथुरा में अब रात नौ बजे के बाद भी मिलेगा श्रीकृष्ण लीलाओं का आनंद, परिसर ने प्रवेश का समय बढ़ाया
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचने वाले लाइट एंड साउंड शो के जरिए भगवान श्रीकृष्ण की की लीलाओं का आनंद ले सकेंगे. पिछले दिनों सीएम योगी ने लाइट एंड साउंड शो का उद्घाटन किया था, लेकिन मंदिर परिसर में प्रवेश के समय की पाबंदियों के कारण शो कुछ ही लोगों तक सीमित होकर रह गया था.
Lucknow: मथुरा पहुंचने वाले श्रद्धालु अब रात नौ बजे के बाद लाइट एंड साउंड शो के जरिए भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का आनंद ले सकेंगे. पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाइट एंड साउंड शो का उद्घाटन किया था, लेकिन मंदिर परिसर में प्रवेश के समय की पाबंदियों के कारण शो कुछ ही लोगों तक सीमित होकर रह गया.
इस समस्या का समाधान खोजने के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, सीईओ नगेंद्र प्रताप, जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा और संबंधित पुलिस अधिकारियों की बैठक की. इसमें सहमति बनी कि जन्मस्थान में श्रद्धालुओं का प्रवेश रात 9 बजे तक सीमित न करते हुए 9:30 बजे तक बढ़ा दिया जाए. इस पर सभी ने सहमति जताई.
बता दें कि लाइट एंड साउंड शो की शुरुआत रात 9:20 बजे से होती है, जो करीब 40 मिनट तक चलता है. इस तरह मंदिर दर्शन के समय के बाद पहुंचने वाले भक्त भी अब श्रीकृष्ण की लीलाओं का मनोहारी दृश्य देख सकेंगे. श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि जन्मभूमि पर दर्शन का समय सुबह से 6 बजे से दोपहर एक बजे तक है.
गर्भगृह के दर्शन पूरे दिन खुले रहते हैं. शाम को दर्शन 4 से 9 बजे तक हैं. दर्शन के अलावा श्रद्धालु लाइट एंड साउंड शो में शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें मंदिर में प्रवेश करने के लिए 9:30 बजे तक का समय दिया गया है. क्लॉक रूम की सुविधा 10:15 बजे तक यथावत रहेगी.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने किया ईदगाह की भूमि पर अपना दावा
श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ईदगाह की भूमि पर अपना दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है, जो मथुरा के सिविल जज सीनियर डिविजन कोर्ट में स्वीकार हो गई है. यह पहली बार है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ईदगाह की भूमि पर याचिका दायर की है. मिली जानकारी के मुताबिक यह मामला हाईकोर्ट स्थानांतरित होगा.
जानें पूरा मामला
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद का विवाद अब कोर्ट तक पहुंच गया है. आपको बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने पहली बार ईदगाह की जमीन पर अपना दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है. मिली जानकारी के मुताबिक ट्रस्ट की ओर से मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीज़न कोर्ट में मामला दायर हुआ. आपको बता दें कि कोर्ट में याचिका दायर करने वाले विनोद कुमार बिंदल और ओमप्रकाश सिंघल हैं. अदालत ने इस मामले पर सुनवाई की और वाद को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट भेजने की बात कही है. क्योंकि इस मामले में पहले से चल रही करीब 17 पर सुनवाई के साथ इसको भी शामिल किया जा सके.
1968 में भूमि का समझौता
श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से ट्रस्टी विनोद कुमार बिंदल और ओमप्रकाश सिंघल ने इस याचिका के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी बनाया गया है. विनोद कुमार और ओमप्रकाश सिंगल ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान, जिसे श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से मंदिर परिसर की देखरेख, साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ के नाम से रखा गया था.
इस संघ के द्वारा गैर आधिकारिक तौर पर 1968 में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से भूमि को लेकर समझौता किया था. इस समझौते के तहत ढाई एकड़ भूमि ईदगाह कमेटी को दे दी गई. 13.37 एकड़ भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर है. वहीं दावा किया गया है कि जब भूमि सेवा संघ के नाम पर थी ही नहीं तो उसके द्वारा समझौता कैसे किया जा सकता है.
अब तक 17 वाद हो चुके हैं दायर
आपको बता दें कि इस समझौते की डिक्री 1973 व 1974 में न्यायालय द्वारा की गई है और इसे रद किया जाना चाहिये. इस मामले में अब तक 17 वाद दायर हो चुके हैं, लेकिन ये पहला मामला है, जिसमें जन्मभूमि ट्रस्ट खुद ही वादी है. ट्रस्ट के गोपेश्वर चतुर्वेदी ने इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने 1968 में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से प्रमुख दस बिंदुओं पर बिना किसी अधिकार के समझौता किया था.