पंचायत का फरमान, साइबर अपराध किया तो एक लाख जुर्माना, मथुरा में कुरान उठवाकर दिलाई कसम, फर्जी सिम तोड़े

दौलतपुर गांव के प्रधान ने सेक्सटोर्सन,फाइनेंशियल फ्रॉड सहित तमाम तरह के साइबर अपराध को रोकने के लिए गांव के बड़े बुजुर्गों के साथ मंथन किया

By अनुज शर्मा | July 9, 2023 4:35 PM
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लखनऊ. भारत की फ़िशिंग राजधानी के रूप में कुख्यात झारखंड के जामताड़ा की तरह यूपी में साइबर अपराध का हब बन चुके मथुरा में अब बदलाव की बयार गहने लगी है. साइबर अपराध के खिलाफ ग्राम पंचायत ने पहल की है. गोवर्धन इलाके के दौलतपुर गांव में मस्जिद से मौलवी और ग्राम प्रधान ने ऐलान किया है कि किसी ने साइबर अपराध किया तो पंचायत एक लाख रुपये का जुर्माना वसूल करेगी. पंचायत साइबर अपराध को रोकने के लिए बुलाई गई थी. पुलिस साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए आए दिन इस क्षेत्र में छापेमार कर रही थी.

कुरान उठाकर कसम दिलाई, फर्जी  सिम तोड़े

दौलतपुर गांव के प्रधान ने सेक्सटोर्सन,फाइनेंशियल फ्रॉड सहित तमाम तरह के साइबर अपराध को रोकने के लिए गांव के बड़े बुजुर्गों के साथ मंथन किया. युवाओं को साइबर अपराध से कैसे दूर रखा जाए इस पर पंचायत में कई लोगों ने अपने- अपने सुझाव दिए. सभी के सुझाव के बाद पंचायत ने फैसला सुनाया कि अगर कोई साइबर अपराध से जुड़ा या संलिप्त पाया गया उसको एक लाख रुपये का जुर्माना देना होगा. दौलतपुर गांव की बड़ी मस्जिद से मौलवी नफीस और ग्राम प्रधान ने इस निर्णय की घोषणा की. कुरान उठाकर युवकों को कसम भी खिलाई. युवाओं के मोबाइल से सिम निकालर उनको तुड़वाया गया.

कई युवा साइबर ठगी के आरोपों में जेलों में बंद

मुदसेरस, देवसेरस, दौलतपुर, मड़ोरा गांव में सबसे अधिक साइबर अपराधी रहते हैं. कई युवा साइबर ठगी के आरोपों में देश की विभिन्न जेलों में बंद हैं. कभी किसी राज्य, कभी किसी राज्य की पुलिस यहां दबिश देने आती रहती है. इससे परेशान होकर दौलतपुर गांव वालों ने सख्त रुख अख्तियार किया. पंचायत कर साइबर अपराध रोकने की पहल शुरू कर दी.


साइबर क्राइम में मथुरा यूपी का  ‘ जामताड़ा ‘

साइबर क्राइम में मथुरा यूपी का अपना जामताड़ा बनता जा रहा है. साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा मामले अब उत्तर प्रदेश के मथुरा के अलावा राजस्थान के भरतपुर और हरियाणा के मेवात से सामने आ रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में, शहरों का यह त्रिकोण डीपफेक के आधार पर ब्लैकमेल करने में माहिर हो गया है. यूपी पुलिस की साइबर सेल ऐसे कम से कम 400 मामलों की जांच कर रही है. पुलिस अधीक्षक, साइबर सेल त्रिवेणी सिंह का कहना है कि जालसाज इस तकनीक का उपयोग करके पोर्न क्लिप पर अपने मेल टारगेट के फ्रेम लगाते हैं. “फर्जी अश्लील वीडियो बनाने के बाद, वे लक्ष्य को फोन करते हैं और उन्हें 5,000 रुपये से 50,000 रुपये तक के पैसे के लिए ब्लैकमेल करते हैं. उनमें से कुछ मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों में अच्छे परिवारों के लोगों को फंसाने के लिए धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं.

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