मथुरा: यूपी एसटीएफ ने पूर्वांचल के कुख्यात अपराधी पंकज यादव को मथुरा (Mathura News) में मुठभेड़ में मार गिराया. उस पर एक लाख रुपये का इनाम था. बुधवार तड़के फरह के पास हुए एनकाउंटर में एसटीएफ को उसे मारने में सफलता मिली. पंकज मुख्तार अंसारी, बिहार के माफिया शहाबुद्दीन और मुन्ना बजरंगी गैंग का शार्प शूटर था. कई पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में वो फरार चल रहा था. पंकज का एक साथी भागने में कामयाब रहा. एसटीएफ ने सुबह 5.20 बजे पंकज यादव की घेराबंदी की और उसे मार गिराया.
आगरा के व्यापारी को लूटने की थी योजना
एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेंश कुमार शाही, इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह को पता चला था कि कुख्यात अपराधी पंकज यादव अपने पूर्व पंजीकृत अभियोगों के गवाहों, पैरोकारों व कई धनाड्य व्यापरियों की हत्या करके लूट सकता है. पूर्व में भी वर्ष 2010 में मऊ के मन्ना सिंह हत्त्या कांड के चश्मदीद गवाह राम सिंह मौर्य और उनकी सुरक्षा में नियुक्त सिपाही सतीश की हत्या इसने अपने साथियों के साथ की थी. एसटीएफ को पता चला कि पंकज यादव अपने गिरोह के साथ आगरा में किसी व्यापारी की हत्या कर लूट की योजना बना रहा है. मंगलवार देर रात में अपने गिरोह के साथियों के साथ मथुरा से रैपुरा होते हुये आगरा जाकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है.
मोटर साइकिल से जाते दिखे बदमाश
इस सूचना पर एसटीएफ की टीम मथुरा से आगरा की तरफ एनएच 19 पर बढ़ी तो दो व्यक्ति बिना नंबर की मोटरसाईकल से जाते हुए दिखाई दिए. जिन्हें देखकर मुखबिर ने बताया कि यही पंकज यादव और उसका साथी है. पंकज यादव मोटर साइकिल के पीछे सीट पर बैठा है. मुखबिर को वहीं उतार कर एसटीएफ की टीम मोटर साइकिल का पीछा करने लगी. अपर पुलिस अधीक्षक राकेश अपनी टीम निरीक्षक हुकुम सिंह, प्रदीप यादव, विमल कुमार, कमांडो लाल सिंह, रामदीन के साथ मुख्य मार्ग पर ब्रज की रसोई से लगभग 500 मीटर आगरा की ओर एनएच 19 के किनारे ग्राम रोसू के समीप पहुंच कर मोटर साईकल रोकने के लिए गाढ़ाबंदी की गई.
एसटीएफ टीम पर किया फायर
कुछ ही देर बाद पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही ने अपनी टीम के अपने वाहनों से पंकज यादव को ओवरटेक कर रोकने का प्रयास किया. इस पर मोटरसाईकल सवार और तेजी से एनएच 19 पर भागने लगे. इस पर एसटीएफ टीम ने तेज आवाज में चिल्लाकर उसे समर्पण करने के लिए कहा. इस पर पीछे बैठे व्यक्ति पंकज ने हाथ से दो असलहा निकालकर फायर कर दिया. पुलिस अधीक्षक राकेश की टीम ने भी मोटरसाइकिल सवारों को रुकने के लिए इशारा किया तो हाईवे से बाएं तरफ मोड़कर कच्चे रास्ते पर भागने लगे. इससे मोटरसाइकिल अनियंत्रित होकर गिर गई.
कई राउंड हुई फायरिंग
एसटीएफ की टीम अपने वाहनों से उतरकर दौड़े, इसपर मोटरसाइकिल चालक कच्चे रास्ते के किनारे बनी बॉउंड्री के पीछे कूदकर चला गया. वहां दीवार की आड़ लेकर अपने असलहे को निकालकर गाली देते हुए जान से मारने की नियत से एसटीएफ टीम पर फायर करने लगा. पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश शाही एवं अपर पुलिस अधीक्षक राकेश इस फायरिंग में बाल-बाल बचे. एसटीएफ टीम ने जवाबी फायर और जब बदमाशों की तरफ से फायर बंद हुआ तो एक बदमाश घायल पड़ा मिला. उसे तुरंत सीएचसी फरह भेजा गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृत बदमाश की पहचान पंकज यादव पुत्र रामप्रवेश यादव निवासी ग्राम ताहिरपुर थाना रानीपुर के रूप में हुई.
20 साल से था आतंक पर्याय
मृतक पंकज यादव करीब 20 वर्षों से उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बना हुआ था. पैसा लेकर भाड़े पर हत्या करने वाला कुख्यात व दुर्दांत अपराधी था. उसके खिलाफ जघन्य हत्या, लूट व हत्या के प्रयास रंगदारी वसूलने के लगभग तीन दर्जन से अधिक अभियोग पंजीकृत हैं. थाना दक्षिण टोला जनपद मऊ में यह वांछित चल रहा था. इसकी गरफ्तारी के लिए अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन ने एक लाख रुपये पुरस्कार घोषित किया था.