Lucknow: बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में पार्टी संगठन की पदाधिकारियों के साथ समीक्षा करने के साथ कमजोरी को दूर करने के निर्देश दिए. उन्होंने भाजपा सहित राज्यों की सरकारों पर हमलावर होते हुए कहा कि यहां लोगों के हालात बेहतर होने के बजाय दिनों दिन खराब होते जा रहे हैं.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इन राज्यों में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने पर मंथन करने के साथ यहां लोगों की स्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने सरकारों की नीयत और नीति पर सवाल उठाए और कहा कि इसमें ईमानदारी का भाव नहीं है. इस वजह से गरीबों, मेहनतकशों का सामाजिक विकास और आर्थिक तरक्की नहीं हो पा रही है. इनके हालात अभी तक सही से सुधर नहीं पा रहे हैं, जो सरकारों के बहुप्रचारित विकास के दावे को खोखला साबित करता है.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देश या राज्यों में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, खासकर करोड़ों एससी-एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक समाज के लोगों को न्याय व बराबरी के उनके संवैधानिक हक से वंचित रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा व सरकारी नौकरी में आरक्षण के जरिये उनका जीवन थोड़ा संतृप्त करने के मामले में इस वर्ग की उपेक्षा से लोगों में बेचैनी है, जो उनकी चिंताओं को और गंभीर बना रही है.
Also Read: Haj Yatra 2023: अपनों को गले लगाकर मुकद्दस सफर के लिए किया रवाना, मंत्री दानिश अंसारी ने दिखाई हरी झंडी
मायावती ने कहा कि इसके साथ ही विभिन्न सरकारों में सरकारी नौकरी में आरक्षण को जिस प्रकार से निष्क्रिय और निष्प्रभावी बना दिया गया है, वह एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के परिवारों को उद्वेलित कर रहा है. बैकलॉग के नहीं भरे जाने से भी इनका सरकार के प्रति अविश्वास बढ़ा है. ऐसे में उनके बीच बसपा को अपना मिशनरी प्रयास और तेज करना होगा.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इसी प्रकार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मामले में केन्द्र और दिल्ली की सरकार के बीच आपसी अविश्वास, असहयोग और टकराव के काफी तूल पकड़ने से वहां रहने वाले लोगों का हित और कल्याण लगातार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि जबकि दिल्ली को केंद्र व दिल्ली की सरकार के बीच आपसी सहयोग, तालमेल व विकास का उत्तम नमूना होना चाहिए था. दो पार्टियों की सरकार के बीच बात-बात पर खासकर कथित भ्रष्टाचार व सरकारी शक्ति को लेकर विवाद और टकराव का हमेशा बने रहने के कारण सुप्रीम कोर्ट का बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ता है, ये बेहद दु:खद है.
मायावती ने कहा कि पहले कांग्रेस, बीजेपी और अब आम आदमी पार्टी की सरकार से भी दिल्ली की जनता को निराशा मिली है. जहां तक जम्मू-कश्मीर का मामला है, वहां आपेक्षित विकास, शांति, स्थिरता, विधानसभा आमचुनाव के बारे में चर्चा होने की बजाय वहां भी भ्रष्टाचार, सरकारी पद के दुरुपयोग की चर्चा मीडिया में छायी रहती है. इसके अलावा वैसे तो वहां सभी राजनीतिक गतिविधियां ज्यादातर ठप्प पड़ी हुई हैं. लेकिन जम्मू-कश्मीर में बसपा के लोगों को विधानसभा आम चुनाव के मद्देनजर पूरी तरह तैयार रहने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश में विधानसभा आमचुनाव के बाद वहां सरकार का बदलना इस बात को साबित करता है कि आम जनता अपनी समस्याओं के प्रति जागरुक है. ऐसे में बसपा को अपनी तमाम कमियों को दूर करके आगे बढ़ने का प्रयास लगातार जारी रखना चाहिए. मायावती ने झारखंड राज्य में भी पार्टी की कमियों को दूर करके आगे बढ़ने के लिए सख्त हिदायत देते हुए कहा कि पार्टी में यंग ब्लड को जोड़कर आगे की रणनीति बनाने की जरूरत है.