Lucknow News: बहुजन समाज पार्टी के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के नतीजे बेहद निराशाजनक साबित हुए हैं. पार्टी चुनाव के दौरान यहां कड़ी टक्कर देने का दावा कर रही थी. बसपा सुप्रीमो मायावती की रैलियों में भीड़ उमड़ने से पार्टी प्रत्याशी और पदाधिकारी बेहद उत्साहित थे. लेकिन, नतीजों ने मायावती को कड़ा झटका दिया है. पार्टी सिर्फ राजस्थान में दो सीटें हासिल कर सकी है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में उसका खाता भी नहीं खुल सका है. ऐसे में बसपा सुप्रीमो ने चुनाव परिणाम पर ही सवाल उठाए हैं. वहीं वह नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गई हैं. इसके लिए उन्होंने राजधानी लखनऊ में 10 दिसंबर को पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है, जिसमें चुनाव परिणाम पर मंथन से लेकर लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अहम चर्चा होगी. चुनाव नतीजों से आहत मायावती ने सोमवार को सोशल साइट एक्स पर लिखा कि देश के चार राज्यों में अभी हाल ही में हुए विधानसभा आमचुनाव के आए परिणाम एक पार्टी के पक्ष में एकतरफा होने से सभी लोगों का शंकित, अचंभित व चिंतित होना स्वाभाविक है, क्योंकि चुनाव के पूरे माहौल को देखते हुए ऐसा विचित्र परिणाम लोगों के गले के नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि पूरे चुनाव के दौरान माहौल एकदम अलग व कांटे के संघर्ष जैसा दिलचस्प रहा. लेकिन, चुनाव परिणाम उससे बिल्कुल अलग होकर पूरी तरह से एकतरफा हो जाना, यह ऐसा रहस्यात्मक मामला है, जिस पर गंभीर चिन्तन व उसका समाधान जरूरी है. उन्होंने कहा कि लोगों की नब्ज पहचानने में भयंकर ‘भूल-चूक’ चुनावी चर्चा का नया विषय है.
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मायावती ने कहा कि हमारी के सभी लोगों ने पूरे तन, मन, धन व दमदारी के साथ यह चुनाव लड़ा, जिससे माहौल में नई जान आई. लेकिन, उन्हें ऐसे अजूबे परिणाम से निराश कतई भी नहीं होना है बल्कि परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का प्रयास करते रहना है. उन्होंने कहा कि इस चुनावी परिणाम के संदर्भ में धरातल पर रिपोर्ट लेकर आगे लोकसभा चुनाव की नए सिरे से तैयारी पर विचार-विमर्श के लिए पार्टी की ऑल इंडिया की बैठक आगामी 10 दिसंबर को लखनऊ में बुलाई गई है. उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम से विचलित हुए बिना अम्बेडकरवादी मूवमेन्ट आगे बढ़ने का हिम्मत कभी भी नहीं हारेगा.
विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने भी हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के परिणाम से ये साफ हो गया है कि भाजपा साम, दाम, दंड, भेद हर तरह के हथकंडे अपनाकर चुनाव लड़ती है. लेकिन, यह भी साफ है कि कांग्रेस के पास भाजपा से लड़ने की ना नैतिक ताकत है और ना नीतियां हैं. इन चुनावों में अपने सीमित संसाधनों, कार्यकर्ताओं और मिशन के सिपाहियों के जोश जुनून के दम पर बसपा का प्रदर्शन बहुत बड़ा संदेश है. उन्होंने कहा कि आज एक बार फिर साबित हो गया है कि भाजपा की सांप्रदायिक और नफरत की राजनीति को केवल बसपा ही खत्म करने का दम रखती है. देश में परिवर्तन लाने का विकल्प केवल बीएसपी और मायावती की कार्यशैली में ही है जो भाजपा और उसके संविधान विरोधी इरादों को हरा सकती है. उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, ‘जनता के दिलों को जीतना जारी रहेगा, अभी तो पंख फैलाए हैं,आसमान में उड़ना जारी रहेगा’.