लखनऊ. मेरठ पुलिस ने सहारनपुर जाने से रोके जाने पर सरधना के समाजवादी पार्टी विधायक अतुल प्रधान व 15 अन्य के खिलाफ बागपत कोतवाली में पुलिस को सरकारी ड्यूटी करने से रोकने के आरोप में मामला दर्ज किया है. मामला 30 मई को दर्ज किया गया था लेकिन यह 2 जून को सामने आया. विधायक अतुल प्रधान ने पुलिस पर उनके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करने का आरोप लगाया है. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को मामले की जानकारी दी है. प्रधान ने कहा कि वह पुलिस के दुर्व्यवहार के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराएंगे.विधायक ने सड़क पर धरना भी दिया.पुलिस द्वारा उनको मेरठ पुलिस लाइन लाया गया और उसके बाद रिहा कर दिया गया.
बागपत के एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने इस मामले में कहा कि अतुल प्रधान और 15 अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 (एक लोक सेवक को आधिकारिक कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.प्रधान को मविकला गांव में रोका गया था. उनको बताया गया कि उन्हें सहारनपुर जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन उन्होंने बैरियर तोड़ दिया और बाद में मुजफ्फरनगर जिले के सिसाना गांव के पास रुक गए. एसपी ने विधायक द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोपों का खंडन किया . एसपी का कहना था कि पुलिस ने विधायक के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया.
गौरतलब है कि गुर्जर समुदाय के सदस्यों व नेताओं ने 29 मई को शराबबंदी का उल्लंघन करते हुए सहारनपुर के नकुड़ क्षेत्र में सम्राट मिहिरभोज गौरव यात्रा निकाली थी. यात्रा ने ठाकुर समुदाय के विरोध के बाद एक विवाद को जन्म दिया, जिन्होंने गुर्जरों पर इतिहास को विकृत करने का आरोप लगाया और दावा किया कि सम्राट मिहिरभोज एक राजपूत राजा थे. पुलिस ने रैली में शामिल होने और विरोध करने जा रहे गुर्जर और ठाकुर नेताओं के प्रवेश को रोकने के लिए मुजफ्फरनगर से सटे सहारनपुर की सीमा को सील कर दिया.