Achleshwar Mahadev Mandir: हर एक मंदिर की अपनी खास पहचान होती है. अलीगढ़ में जीटी रोड पर स्थित अचलेश्वर धाम मंदिर पांच हजार साल पुराना है. पौराणिक कथाओं में भी इसका वर्णन मिलता है. मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है. मान्यता है कि द्वापर काल में अज्ञातवास के समय नकुल – सहदेव ने यहां अचल सरोवर में स्नान किया था. उसी के बाद बाबा अचलेश्वर धाम की पूजा अर्चना की थी. अचलेश्वर धाम के चारों ओर मंदिर बनते गए. दूसरी मान्यता यह है कि ग्वालियर के महाराजा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था. जब इस जगह खुदाई हो रही थी. तब खून की धार निकली, फिर दूध की धार निकलने लगी. इसके बाद जल की धारा निकली. खुदाई होती चली गई तो शिवलिंग निकले. वहीं पर मंदिर की स्थापना की गई. यहां पुजारी दिलीप गोस्वामी बताते हैं कि यह शिवलिंग 24 घंटे में दो बार रंग बदलता है. सावन के महीने में कांवड़िया यहां शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं.
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चमत्कारी शिवलिंग जिससे निकली थी खून और दूध की धारा, सावन के सोमवार को होती है विशेष पूजा
Achleshwar Mahadev Mandir: हर एक मंदिर की अपनी खास पहचान होती है. अलीगढ़ में जीटी रोड पर स्थित अचलेश्वर धाम मंदिर पांच हजार साल पुराना है. पौराणिक कथाओं में भी इसका वर्णन मिलता है. मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है.
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