विधायक रविदास मेहरोत्रा सारस लेकर पहुंचे सपा दफ्तर, अखिलेश यादव से मिलने के बाद आरिफ के ‘दोस्त’ पर कही ये बात
पूर्व मंत्री और सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने आरिफ के सारस के लिए जोड़ा तलाश लिया है. मेहरोत्रा को एक सारस घायल हालत में मिला था, जिसका इलाज कराने के बाद उन्होंने इसे लखनऊ प्राणी उद्यान को सौंपा. उन्होंने कहा कि इस सारस का आरिफ के सारस के साथ जोड़ा बनाना चाहिए.
Lucknow News: यूपी में कानपुर के आरिफ और सारस की दोस्ती के बाद अब लखनऊ में सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा और सारस का खास रिश्ता चर्चा में है. आरिफ की तरह पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा को भी सारस घायल हालत में मिला और उन्होंने उसका इलाज कराया. इसके बाद वह सारस को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पास पहुंचे और फिर उसे लखनऊ प्राणी उद्यान को सौंप दिया.
लखनऊ मध्य क्षेत्र से एमएलए रविदास मेहरोत्रा ने गुरुवार को एक सारस प्राणी उद्यान को सौंपा. ये सारस कुछ दिनों पहले उन्हें मलिहाबाद इलाके में घायल हालत में मिला था. उन्होंने इसका इलाज कराया और फिर ठीक होने के बाद लखनऊ प्राणी उद्यान प्रशासन को सौंपा.
इससे पहले रविदास मेहरोत्रा सारस को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पास पहुंचे. उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष के कहने के बाद सारस को लखनऊ प्राणी उद्यान को सौंप दिया गया है. ये सारस ‘मेल’ है, इसलिए हमारी मांग है कि इसे आरिफ के ‘फीमेल’ सारस के साथ जोड़े के रूप में रखा जाए. हालांकि आरिफ का सारस कानपुर चिड़ियाघर में है.
इससे पहले आरिफ और सारस की दोस्ती काफी सुर्खियों में रही थी. अखिलेश यादव भी आरिफ के सारस से मिलने पहुंचे थे. बाद में वन महकमे के आरिफ और सारस को अलग-अलग करने पर उन्होंने नाराजगी भी जताई थी. उन्होंने कहा था कि आरिफ के सारस को इसलिए उससे छीन लिया गया, क्योंकि वह उससे मुलाकात करने पहुंचे थे.
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इस समय आरिफ के पास रहा सारस कानपुर प्राणी उद्यान में है. काफी समय से इंसानों के बीच रहने के कारण इसकी आदत भी इंसानों की तरह खाने की हो गई थी. इसका इंसानों के प्रति लगाव भी बेहद बढ़ गया था.
कानपुर प्राणी उद्यान के निदेशक एके सिंह के मुताबिक अब इस सारस के स्वभाव में परिवर्तन देखने को मिल रहा है. पहले उसका भोजन मैगी, खिचड़ी, दाल चावल था और उसे हाथों से भोजन करने की आदत थी. किसी इंसान को देखते ही यह सारस उसके पास जाने लगता था. वहीं जब से कानपुर प्राणी उद्यान लाया गया है तब से विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में उसकी देखरेख की जा रही है. अब वह कच्चा अनाज खाने लगा है.
हालांकि अगर उसको अभी प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाए तो संभावना है कि वह फिर से इंसानों के पास जाने लगेगा. ऐसे में पालतू जानवर उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए यह फैसला किया गया है कि वह अभी कानपुर प्राणी उद्यान में ही रहेगा. इस सारस को फीमेल बताया गया है.