लखनऊ : यूपी में मानसून (Monsoon Active) पूरी तरह से एक्टिव हो गया है. गुरुवार रात से पूर्वी यूपी, मध्य यूपी सहित अधिकतर हिस्सों में बारिश हो रही है. बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल गये हैं. धान की नर्सरी सूखने की कगार पर थी लेकिन अब किसान रोपाई की तैयारियों में जुट गये हैं. क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप (Crop Weather Watch Group) ने भी मानसून के अनुसार अपनी एडवाइजरी जारी की है.
उप्र कृषि अनुसंधान परिषद के सचिव पीयूष कुमार शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में किसानों को मौसम की दृष्टि से धान, मक्का, श्री अन्न, अरहर, तिल, मूंगफली, बागवानी, पशुपालन तथा मत्स्य पालन के संदर्भ में कुछ सुझाव जारी किए हैं. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार धान की पौध को नर्सरी में खैरा रोग का प्रकोप होने पर नियंत्रण के लिये 5 कि.ग्रा. जिंक सल्फेट को 2.5 कि.ग्रा. यूरिया के साथ 600 से 700 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए. इसके बाद यदि लक्षण दिखायी दें तो 10 से 15 दिन बाद दोबारा छिड़काव करें.
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जिन किसानों ने अभी तक नर्सरी नहीं डाली है वह धान की सीधी बोआई करें. ड्रम सीडर से धान की सीधी बोआई के लिये नरेंद्र- 97. मालवीय धान-2 नरेंद्र- 359 और सरजू-52 की बुवाई 50 से 55 कि.ग्रा. बीज प्रति हेक्टेयर की दर से करें. नर्सरी में पर्ण झुलसा का प्रकोप होने पर स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 75 ग्रा. या एग्रीमाइसिन- 100 (100 ग्रा.) के साथ कॉपर आक्सीक्लोराइड 500 ग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से 600 से 700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. धान की ‘डबल रोपाई या संडा प्लाटिंग के लिये तीन सप्ताह की अवधि के पौधे की प्रथम रोपाई 20×10 सेमी. की दूरी पर करना सुनिश्चित करें.
इसी तरह मक्का की मध्यम अवधि की संकर किस्मों दकन- 107, मालवीय संकर मक्का-2 प्रो-303 (3461) के एच 9451, के एच-510 एम. एम. एच. – 69. बायो-9637 बायो-9682 एवं संकुल प्रजातियों नवजोत पूसा कम्पोजिट – 2 श्वेता सफेद नवीन की बुवाई करें. पूर्व से बोये गये मक्का में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें.
श्री अन्न में ज्वार की संकुल किस्मों एस.पी.बी.-1388 (बुंदेला), सी.एस.बी. 15. वर्षा विजेता व सी. एस. बी. 13 की बुवाई करें. संकर प्रजातियों सी एस. एच. 23. सी. एस. एच. 13. सी. एस. एच. 18. सी. एस. एच. 14. सी. एस. एच 9. सी. एस. एच. 16 सावां की किस्मों यथा आई.पी.एम. – – 151, आई.पी. – 149 यू.पी.टी.-8. आई.पी.एम.-100 आई.पी.एम. 148 आई.पी.एम 97 बुवाई करें. कोदों की किस्मों जी.पी.वी.के.-3 ए.पी.के. 1, जे.के. 2. जे. के. 62. वम्बन-1 व जे. के. 6 की बुवाई करें.