Lucknow: उत्तर प्रदेश में सभी 17 नगर निगमों में नवनिर्वाचित मेयर के शपथ ग्रहण की तैयारियों के बीच मुरादाबाद में मामला कोर्ट में पहुंच गया है. मुरादाबाद में कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी रिजवान कुरैशी ने अफसरों पर मतदान और मतगणना में धांधली करने का आरोप लगाते हुए चुनाव याचिका दाखिल की है.
इसमें मेयर चुनाव को रद्द करने की मांग की गई है. इसके साथ ही महानगर के नवनिर्वाचित मेयर विनोद अग्रवाल को शपथ ग्रहण करने से रोकने की अपील की गई. याचिका पर 26 मई को सुनवाई होगी.
मुरादाबाद में भाजपा के मेयर प्रत्याशी विनोद अग्रवाल ने इस बार जीत की हैट्रिक लगाई है. उन्होंने 3589 मतों से कांंग्रेस प्रत्याशी रिजवान कुरैशी को शिकस्त दी. विनोद अग्रवाल को 121452 मत मिले, जबकि रिजवान कुरैशी ने 117826 मत हासिल किए. नतीजों की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस ने मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाया है.
कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी हाजी रिजवान कुरैशी ने अपने अधिवक्ता जुनैद एजाज, हाजी अमीरऊल हसन जाफरी, आनंद मोहन गुप्ता के जरिए मुरादाबाद जनपद न्यायाधीश डॉ.अजय कुमार की अदालत में याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने मेयर चुनाव में प्रशासन पर भाजपा के दबाव में धांधली करने का आरोप लगाया है.
याचिका के मुताबिक मुरादाबाद में बूथ संख्या 270, 271, 272, 273, 377, 378 पर फर्जी रूप से मतदान कराया गया. आरोप लगाया गया है कि मतगणना स्थल पर चार ईवीएम की सील टूटी हुई थी. मामले में शिकायत करने के बावजूद किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने कार्रवाई नहीं की.
याचिका के मुताबिक मतगणन के दौरान 16 राउंड तक सब कुछ सही चलता रहा. इसके बाद वोटों की गिनती में गड़बड़ी करना प्रारंभ कर दिया गया. इसे लेकर मौके पर मौजूद रिटर्निग ऑफिसर से शिकायत भी की गई. लेकिन, कोई सुनवाई को तैयार नहीं हुआ. आखिरकार धांधली के बाद भाजपा के मेयर प्रत्याशी विनोद अग्रवाल को विजयी घोषित कर दिया गया.
याचिका में मेयर चुनाव को शून्य घोषित करने की मांग की गई है. इसके साथ ही शपथ ग्रहण पर याचिका के निस्तारण तक पूरी तरह से रोक लगाते हुए एक बार फिर मतों की गिनती कराने की अपील की गई है.
शासकीय अधिवक्ता सिविल अजय गुप्ता के मुताबिक कांग्रेस उम्मीदवार रिजवान ने जनपद न्यायाधीश की अदालत में चुनाव याचिका दाखिल की है. इसमें विनोद अग्रवाल समेत सभी प्रत्याशियों एवं रिटर्निग ऑफिसर को भी विपक्षी बनाया गया है. मामले में सरकार को भेजा गया नोटिस प्राप्त हो चुका है. स्टे प्रार्थना पत्र पर जनपद न्यायाधीश की अदालत में 26 मई को सुनवाई होगी.