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Moradabad: कोर्ट ने आज़म खान के साथ अब्दुल्ला आज़म को सुनाई 2 साल की सजा, जानें पूरा मामला

Moradabad: सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह खान को मुरादाबाद एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने दोनों को साल 2008 के एक केस में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है,आइए जानते हैं पूरा मामला

By Prabhat Khabar News Desk | February 13, 2023 8:46 PM

Moradabad: सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह खान को मुरादाबाद एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने दोनों को साल 2008 के एक केस में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है, साथी ही सात आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. आइए जानते हैं पूरा मामला.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय महासचिव मुहम्मद आजम खां, उनके विधायक पुत्र अब्दुल्लाह आजम को कोर्ट से सोमवार को बड़ा झटका लगा है.एमपी एमएलए कोर्ट ने वर्ष 2008 के मुरादाबाद जनपद के छाजलेट थाने में दर्ज मुकदमें की सुनवाई के बाद दोनों को दोषी ठहराया है.

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इसके साथ ही दो- दो वर्ष की सजा सुनाई है. लेकिन अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, पूर्व सपा विधायक हाजी इकराम कुरैशी, जो अब कांग्रेस में हैं. बिजनौर के सपा नेता मनोज पारस, पूर्व सपा नेता डीपी यादव, सपा नेता राजेश यादव और सपा नेता रामकुंवर प्रजापति समेत 7 आरोपियों को निर्दोष माना गया है. इन सभी को बरी कर दिया गया है.

थाने के गेट पर दिया था धरना

सपा नेता आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और अन्य सपाइयों के खिलाफ 2 जनवरी 2008 में मुकदमा दर्ज कराया गया था. छजलैट पुलिस ने 2 जनवरी, 2008 को सपा के पूर्व मंत्री और रामपुर के पूर्व विधायक आजम खां की कार को चेकिंग के लिए रोका था. वह परिवार के साथ एक शादी समारोह में शमिल होने जा रहे थे.इस दौरान गुस्सा होकर आजम खां सड़क पर बैठ गए थे. आजम खां और उनके साथियों पर सड़क जाम करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने आरोप लगे थे. इसी मुकदमे की सुनवाई के बाद कार्रवाई हुई है.

साक्ष्यों के आधार पर दोषी

बताया जाता है कि अदालत पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया है. जबकि मुरादाबाद देहात विधान सभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक नईम ऊल हसन, नगीना से सपा विधायक मनोज पारस, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, राजेश यादव, डीपी यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है.

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