मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में चाइनीज मोबाइल कंपनी के द्वारा भारत की आंतरिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ का मामला सामने आया है. जिले में तैनात एक सब इंस्पेक्टर (दारोगा) के मोबाइल हैंडसेट के आइएमइआइ नंबर पर 13 हजार से अधिक मोबाइल चालू मिले हैं. पूरे मामले की साइबर सेल से जांच कराने के बाद थाना मेडिकल में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. वहीं, साइबर मामलों के जानकार अनुज अग्रवाल का कहना है कि, इससे पहले जबलपुर में भी ऐसा ही मामला सामने आ चुका है.
खास बात है कि सभी मोबाइल सेट एक ही चाइनीज कंपनी की ही थे. यह एक आपराधिक साजिश है. मामले में कंपनी का कोई न कोई व्यक्ति मिला हुआ है, तब ऐसा हो सकता है. ऐसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ायह मामला उस वक्त पकड़ में आया जब एडीजी मेरठ जोन के कार्यालय में तैनात एक सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन खराब हुआ और वह उसे ठीक कराने के लिए मोबाइल कंपनी के सर्विस सेंटर पर देकर आया. यह मोबाइल कंपनी चीन की कंपनी प्रतिष्ठित मोबाइल कंपनी है, जिसका भारत में भी भारी संख्या में ग्राहक हैं.
आरोप है कि सर्विस सेंटर से मोबाइल रिपेयर होने के बाद भी उसमें बार बार एरर की समस्या आती रही. जिसपर सब इंस्पेक्टर ने जोन कार्यालय के साइबर सेल को अपना मोबाइल फोन दिखाया तो ये मामला पकड़ में आया. पांच महीने चली जांचतत्कालीन एडीजी प्रशांत कुमार ने मेरठ जोन पुलिस की साइबर क्राइम सेल प्रभारी प्रबल कुमार पंकज व साइबर एक्सपटर्स विजय कुमार को जांच का निर्देश दिया. जांच में पाया कि दारोगा के मोबाइल बॉक्स पर जो आइएमइआइ लिखा हुआ है, वह वर्तमान में मोबाइल में मौजूद आइएमइआइ से अलग है.
16 जनवरी 2020 को सर्विस सेंटर मैनेजर ने जवाब दिया कि आइएमइआइ नहीं बदली गयी. चूंकि उस मोबाइल में जिओ कंपनी का सिम था, इसलिए साइबर सेल ने उस आईएमईआई टेलीकॉम कंपनी को भेजकर डाटा मांगा. वहां से रिपोर्ट आयी कि 24 सितंबर 2019 को सुबह 11 से 11.30 बजे तक देश के अलग-अलग राज्यों के 1,3557 मोबाइलों में यही आईएमईआई रन कर रहा है.यह नियमों का उल्लंघन, जल्द दाखिल होगी चार्जशीटएसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि यह बेहद गंभीर मामला है. एक ही आइएमइआइ नंबर दूसरे मोबाइल फोन पर नहीं चल सकता. यह नियमों का भी उल्लंघन है. इस पूरे में मामले हर स्तर पर जांच करायी जा रही है.
कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर को भी जांच में शामिल किया गया है. कंपनी से भी पूछा गया है कि एक ही आईएमईआई नंबर दूसरे मोबाइल में कैसे पहुंचा? यह कोई टेक्निकल समस्या तो नहीं है. पूरे मामले की जांच के लिए पुलिस और साइबर सैल की टीम का गठन कर दिया गया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जायेगी.पहले भी जबलपुर में पकड़ जा चुका है मामलाइसी तरह का एक मामला मप्र के जबलपुर में भी पकड़ में आ चुका है. उस मामले में भी एक आइएमइआइ के करीब एक लाख फोन ट्रैक किये थे. खास यह है कि वह भी मोबाइल इसी चाइनीज कंपनी के थे.
अकेले जबलपुर में ही ऐसे 3000 मोबाइल पाये गये थे. जबलपुर क्राइम ब्रांच ने माना था कि मोबाइल की आइएमइआइ बदलने में एक निजी मोबाइल तकनीशियन का हाथ था. उसने कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर को मिले डेमो नंबर का दुरुपयोग किया था.ट्राई के नियमों का उल्लंघनसाइबर सेल ने पूरे मामले में कंपनी के नोडल अधिकारी हरमनजीत सिंह को 91 सीआरपीसी के तहत नोटिस दिया.
नोटिस के जवाब से पुलिस संतुष्ट नहीं हुई. वह यह भी नहीं बता पाये कि ट्राई के किस नियम के अनुसार एक आइएमइआइ एक से ज्यादा मोबाइल नंबर पर सक्रिय है. साइबर सेल ने माना है कि इस मामले में मोबाइल कंपनी की घोर लापरवाही और ट्राई के नियमों का उल्लंघन है.