देश में हर व्यक्ति प्रतिदिन करीब 8 ग्राम नमक खा रहा है, जबकि उसकी सीमा 5 ग्राम है. यह जानकारी नेचर पोर्टफोलियो जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार सामने आई है. यह शोध नेशनल एनसीडी (गैर-संचारी रोग) निगरानी सर्वेक्षण के शोधार्थियों द्वारा किया गया है. जिसमें 3,000 लोगों के पेशाब में सोडियम उत्सर्जन और इसके सेवन की निगरानी की गई. विश्वस्तर पर इस फार्मूले का उपयोग करके नमक का अनुमान लगाया गया था. अध्ययन के अनुसार इन लोगों में अधिक नमक का सेवन देखा गया है. लेकिन आगे के विश्लेषण से पता चला कि पुरुषों के अपेक्षा महिलाएं नमक का सेवन अधिक करती हैं.
इसी तरह, नौकरीपेशा वाले (8.6 ग्राम), तंबाकू का सेवन करने वाले (8.3 ग्राम), मोटापे से ग्रस्त लोग (9.2 ग्राम) और उच्च रक्तचाप वाले (8.5 ग्राम) अधिक नमक का सेवन करते पाए गए हैं. जबकि बेरोजगार इतना नमक का सेवन नहीं करते दिखे. बता दें कि सोडियम से भरपूर भोजन सामान्य नमक का एक प्रमुख घटक है, जिसका हम प्रतिदिन सेवन करते हैं, जिसे उच्च रक्तचाप के खतरे को बढ़ाने के लिए जाना जाता है. यह दिल का दौरा और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है.
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आईसीएमआर-नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. प्रशांत माथुर, जिन्होंने नेचर पोर्टफोलियो अध्ययन का नेतृत्व किया है उन्होंने मीडिया को बताया कि रोज कम से कम 1.2 ग्राम की आहारीय सोडियम के सेवन में कमी लाने से उच्च रक्तचाप रोगियों को 50% की राहत मिलती है. प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जागरूकता लाने के साथ ही अत्यधिक नमक की खपत को रोकने की इच्छा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि खाद्य लेबलिंग में प्रभावी नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है और उद्योग द्वारा व्यावसायिक रूप से तैयार किए गए खाने वाले पदार्थों में सोडियम लेवल को विनियमित करने पर जोर दिया.
अगर आप अधिक नमक खा लिए हैं तो अधिक से अधिक पानी पिएं, पोटैशियम रिच फूड खाएं, फल, सब्जी, नट्स आदि खाएं. अधिक से अधिक फ्रेश फूड का सेवन करें.
अगर आप एक दिन में 5 ग्राम से कम नमक का सेवन करते हैं तो इसका शरीर को नुकसान नहीं होता. लेकिन इससे ज्यादा नमक का सेवन शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है.
डिहाइड्रेशन
अगर आप अधिक नमक खा रहे हैं तो इससे आपके शरीर में डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखने लगते हैं. ज्यादा सोडियम के सेवन से अधिक पसीना आ सकता है, पेशाब अधिक आती है, बहुत अधिक उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं. ऐसे में आप डिहाइड्रेट हो सकते हैं.
बहुत अधिक नमक के सेवन से बीपी बढ़ने की समस्या हो सकती है. दरअसल, नमक के अधिक सेवन से रक्त प्रवाह में बहुत अधिक सोडियम आ जाता है जिसे पतला करने के लिए पानी हमारी कोशिकाओं से बाहर निकल जाता है. यह अधिकांश कोशिकाओं के लिए हानिकारक है खासतौर पर मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए. ऐसे में आपको प्यास, मतली, उल्टी और कमजोरी आदि भी महसूस हो सकती है. ये बीपी बढ़ने के लक्षण हो सकते हैं.
अधिक नमक खाने से शरीर में जगह जगह सूजन नजर आ सकती है जिसे एडिमा भी कहते हैं. एडिमा मुख्य रूप से शरीर में बहुत अधिक नमक, सोडियम क्लोराइड के कारण होती है.
अधिक नमक और अतिरिक्त प्रोटीन का सेवन मूत्र में कैल्शियम के उत्सर्जन को बढ़ा देता है. इससे हड्डियों में कैल्शियम का क्षरण होने लगता है. इस तरह ज्यादा नमक ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण को बढ़ा देता है. इससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं.
अधिक नमक मांसपेशियों के संकुचन, तंत्रिका कार्य और रक्त की मात्रा को संकुचित करने का काम करता है. यह आपके शरीर में द्रव के स्तर को कंट्रोल करता है जो मांसपेशियों में दर्द का भी कारण बनता है.