Lucknow : उत्तर प्रदेश में देवरिया जिले के भटनी-नूनखार रेलवे स्टेशन के बीच रेल लाइन के किनारे मां-बेटी की शनिवार शाम ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई. ट्रेन की चपेट में आने से पहले महिला ने अपनी दो बच्चियों को धक्का देकर बचा लिया. मगर सीमा विवाद के चलते शव काफी देर तक रेलवे ट्रैक के किनारे पड़ा रहा. बाद में भटनी पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
दरअसल, खुखुन्दू थाना क्षेत्र के पवनार गांव की रहने वाली सुनीता देवी (35) पत्नी रजनीश प्रसाद अपनी तीन बेटियों गीतांजलि (12), स्नेहा (8) और परी (6) के साथ भटनी बाजार गई थी. शाम को रेल ट्रैक के किनारे से आ रही थी. वह अभी पिपरा देवराज गांव के निकट सिसवा ढाला के पास पहुंची ही थी कि पीछे से बिहार सम्पर्क क्रांति सुपरफास्ट ट्रेन आ गई. अचानक ट्रेन की आवाज सुनकर सुनीता ने दोनों छोटी बेटियों को धक्का देकर ट्रैक से दूर कर दिया.
इस बीच ट्रेन आ गई और सुनीता और उसकी बड़ी बेटी गीतांजलि ट्रेन की चपेट में आ गई. सुनीता की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि आसपास के लोगों ने तीनों बहनों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. वहां से गीतांजलि को गंभीर स्थिति में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया. जहां डाक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया. जबकि स्नेहा और परी को हल्की चोटें आने के कारण प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया.
ट्रेन के चपेट में आने से महिला और उसकी बेटी की मौत की सूचना पर खुखुन्दू के थानाध्यक्ष संतोष सिंह मौके पर पहुंचे. उन्होंने भटनी पुलिस को सूचना दी. भटनी पुलिस भी मौके पर पहुंची लेकिन घटनास्थल खुखुन्दू थाना क्षेत्र का बताया. राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) भटनी ने स्पष्ट किया कि घटनास्थल भटनी थाना क्षेत्र में पड़ता है. इसके बाद भटनी पुलिस ने मां-बेटी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.