लखनऊ: नेताजी मुलायम सिंह यादव के जन्म स्थल सैफई में उनके सम्मान में एक भव्य स्मारक बनाया जाएगा. इसका शिलान्यास नेताजी के जन्मदिन 22 नवंबर 2023 के मौके पर किया जाएगा. यह स्मारक 8.3 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा1 स्मारक में सुगमता हेतु 4.5 एकड़ जमीन पर एक भव्य पार्क और जन सुविधाओं के प्रबंधन की योजना है. यहां नेता जी के एक कांस्य प्रतिमा लगेगी. इस स्मारक की रूपरेखा में लोककला और भारतीयता की झलक होगी. समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी कवि व मुलायम सिंह यादव के गुरु उदय प्रताप सिंह ने दी.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह ने स्मारक निर्माण की पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की. उन्होंने बताया कि स्मारक की बनावट में जमीन से जुड़े हुए भारत के गौरव, महान राजनीतिज्ञ नेताजी की सादगी और गुणवत्ता की भी झलक देखने को मिलेगी. उत्तर प्रदेश की उर्वरा भूमि पर इस स्मारक का स्वरूप समलंबाकार होगा. जिसमें प्रमुखता से जमीन से जुड़े होने का ध्यान रखते हुए दृश्यावली (लैंडस्केप) होगी. लैंडस्केप लोकजीवन से जुड़ी भव्य सामग्री से निर्मित एक रंग पट्टिका इस दृश्यावली में होगी और वास्तुकला में जमीन से जुड़े होने का मुख्य आकर्षण होगा.
स्मारक के चारों तरफ एक लंबी दीर्घा बनेगी. जिससे समाधि स्थल तक पहुंचा जा सकता है. समाधि स्थल भी अनेक दृश्यावलियों की श्रृंखला से दोनों तरफ से सुसज्जित होगा। प्रवेश द्वार से समाधि तक पहुंचने के लिए दृश्यावलियों की श्रृंखला, चौक और प्रांगण होंगे। दोनों तरफ रम्य स्तंभों की योजना है. जिससे दर्शकों को एक सुखद शांतिमय वातावरण की अनुभूति हो. इसके पीछे एक दृश्यावली, मध्य में एक स्मृति सभागार होगा, जिसमें नेताजी की एक कांसे की भव्य प्रतिमा होगी. सभागार तक आवागमन के लिए चारों तरफ घास के मैदान होंगे.
स्मृति सभागार में दर्शकों को नेताजी को श्रद्धांजलि देने के दौरान मिलने जुलने और परामर्श करने की अनुमति होगी. सभागार तक पहुंचाने के लिए उत्तर दिशा में रमणीक दृश्यावलियों से सुसज्जित एक चौक होगा. जिससे स्थल पर पहुंचकर एक सुखद शांति की अनुभूति दर्शकों को होगी. यह स्थल उत्तर प्रदेश के कला कौशल के नमूने, शिल्पकला के नमूने और विविध प्रकार के वृक्षारोपण से सज्जित होगा. यह आकर्षक पर्यटन स्थल सभी दर्शकों का स्वागत करेगा और उन्हें नेताजी के समय और जीवन की झलकियां दिखाएगा. एक शांतिपूर्ण सादगी और शानदार दृश्यावलियों से होकर लोग जाएंगे.
समाधि और स्मृति सभागार के लिए जाने का रास्ता एक समलंबाकार निर्माण से होकर जाएगा. जहां से सुंदर केंद्रीय चौक दिखाई देगा जो आकर्षण दृश्यावलियों से घिरा होगा. जिसमें एक तरफ नेताजी के जीवन के संघर्ष की कहानी होगी और दूसरी तरफ शिल्प कला और प्रसिद्ध उद्धरण पत्थर पर उकेरे जाएंगे. यह विवरण पत्थरों पर और धातुओं पर उत्तर प्रदेश की कलाओं के आधार पर मानक अनुसार बनवाया जाएगा. इस स्थल पर लोकतंत्र की समझ और आवश्यकता और गांधी की अहिंसा के शांतिपूर्ण शानदार विचारों को सुगंध भी प्रसारित होगी.
इस स्थल के स्तंभ पर शिल्पकला सम्राट अशोक के युग की लुंबिनी, मेरठ और इलाहाबाद की कला से अनुप्रेरित और प्रतिबिंबित होगी. यह समाधि और स्मृति स्थल सैफई के लोगों को वही गौरव की अनुभूति प्रदान करेगा जो अमेरिका के लोगों को अब्राहम लिंकन के और जेफरसन स्मारकों से गौरव प्राप्त होता है. स्मृति सभागार की अंतिम सज्जा स्थानीय उपलब्ध पत्थरों से की जाएगी सभागार को एक लोकहित संग्रहालय का आभास कराएगी. इस स्मारक में गाड़ी पार्किंग करने की पर्याप्त सुविधा होगी. आने जाने की सुविधा होगी जिससे विशेष अवसरों पर पर्यटक को आने जाने की असुविधा न हो.
इस स्मारक की परिधि में हर जनसुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इन सुविधाओं तक पहुंचाने के लिए छायादार समलंबाकार निर्माण होगा और स्मारक से लौटने के लिए भी छायादार रास्ते की व्यवस्थायें होंगी. सैफई के ग्राम निवासियों के लिए यह स्मृति सभागार उन्हें सदैव ऐसी सुविधा प्राप्त करेगा. जिससे वह सुख और शांति गौरव का अनुभव कर सके और नेताजी की जिंदगी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दूसरों को दे सके और स्वयं भी सीखें.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बताया कि नेताजी को सैफई से बहुत लगाव था. वे वहां पैदा हुए खेले-कूदे, पढ़े-लिखे, संघर्ष किया और राजनीति में ऊंचाइयों तक पहुंचे. हम लोग सैफई में नेताजी की याद में स्मारक बना रहे है. इसका शिलान्यास नेताजी के जन्मदिन 22 नवंबर 2023 को किया जाएगा. शिलान्यास कार्यक्रम में पार्टी के सभी वरिष्ठ समाजवादी नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि नेताजी का स्मारक 2027 के पहले बनकर तैयार हो जाए.
अखिलेश यादव ने कहा कि नेताजी ने हम सबको विरासत में बहुत कुछ दिया है. उन्होंने संघर्ष कर समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाया. हम नौजवानों की जिम्मेदारी इस आंदोलन को आगे बढ़ाने की तथा इसे मजबूती देने की है. इस मौके पर स्मारक निर्माण को लेकर एक वीडियो प्रेजेंटेशन भी किया गया.प्रेस कांफ्रेंस में शिवपाल सिंह यादव, राजेंद्र चौधरी, बलराम यादव, नरेश उत्तम पटेल, अंबिका चौधरी, राम सागर रावत पूर्व सांसद, रामानंद भारती, ऊषा मौर्या विधायक, रामऔतार सैनी विधायक, अताउर्रहमान विधायक आदि मौजूद थे.