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वाराणसी एयरपोर्ट पर बनी म्यूरल पेंटिंग ‘यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज, जानें इसकी खासियत

जी-20 सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शिवत्व को समर्पित कांच के बने शिवलिंग का नाम यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है, जिससे अधिकारी काफी खुश हैं. इसका लोकार्पण बीते 6 अप्रैल को बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन ने किया था.

By Sandeep kumar | May 16, 2023 2:07 PM

Lucknow : जी-20 सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शिवत्व को समर्पित कांच के बने शिवलिंग का नाम यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है, जिससे अधिकारी काफी खुश हैं. इसका लोकार्पण बीते 6 अप्रैल को बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन ने किया था. यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से अमेरिका से वाराणसी आए सादिया हन्नन ने वाराणसी एयरपोर्ट के निदेशक अर्यमा सान्याल और बीएचयू के प्रोफेसर सुरेश के. नायर तथा 11 विद्यार्थियों को यह सर्टिफिकेट सौंपा, इसके अलावा छात्रों को सम्मानित भी किया गया.

इस अवसर पर काशी का नाम चार बार गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने वाले डॉ. जगदीश पिल्लई भी उपस्थित रहे. वहीं, यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड के तरफ से इस म्यूरल को तैयार करने में सहभागिता करने वाले बीएचयू के विद्यार्थियों सौरभ श्रीवास्तव, पुलक के.सरकार, अरुणिमा मोंडल, काजल वर्मा, मानसी शाह, आस्था तिवारी, तेनज़िन योंटेन, नोरबू ताशी, तेनज़िन न्यूडॉन, श्रुति गुप्ता व प्रिया गुप्ता को भी पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट से सम्मानित किया जाएगा.

एयरपोर्ट निदेशक ने बताई म्यूरल पेंटिंग की खासियत

एयरपोर्ट निदेशक द्वारा बताया गया कि वाराणसी एयरपोर्ट के मुख्य टर्मिनल भवन में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्री सुरेश के० नायर एवं उनके ग्यारह विद्यार्थियों 55.74 स्कॉयर मीटर यानी 600 स्कॉयर फ़ीट लंबा म्यूरल पेंटिंग बनवाया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि 6.096 मीटर लंबा एवं 9.144 चौड़ा (20×30 फ़ीट) म्यूरल पेंटिंग एयरपोर्ट से आने जाने वाले हर यात्रियों का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

इस पेंटिंग में 300 कमल के फूल के डिज़ाइन है और बीच में आईने से बना हुआ एक शिव लिंग का आकार बना हुआ है जिसमें जो भी देखेगा उन्हें खुद को ही दिखाई देता है. एयरपोर्ट निदेशक द्वारा यह भी बताया गया कि इस पेंटिंग को देखने के बाद वहां मौजूद व्यक्ति को खुद के बारे में पता चलता है. बताया कि पेंटिंग से वेद के महवाक्या “तत्वमसि” यानी “वह तुम ही हो” का संकल्प एवं शिक्षा मिलती है.

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