लखनऊ : राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (National Assessment and Accreditation Council) की टीम आज भी बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों का दौरा करेगी. NAAC टीम 9 अक्टूबर तक विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों, उपलब्धियों, शोध और अनुसंधान जैसे विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन करेगी. टीम ने निरीक्षण के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में विश्वविद्यालय के सेटेलाइट सेंटर, अमेठी के कम्प्यूटर साइंस, आईटी, इतिहास, वाणिज्य, खाद्य एवं पोषण एवं अंग्रेजी विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई . संबंधित जानकारी दी गई. नैक टीम ने सैटेलाइट कैंपस के शिक्षकों और छात्रों से ऑनलाइन बातचीत भी की. अशोक और कनिष्क बालक छात्रावास और संगीत विभाग का भी निरीक्षण किया गया. श्री अटल बिहारी वाजपेई ऑडिटोरियम में टीम ने छात्रों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी देखी और छात्रों द्वारा किए गए आविष्कारों के बारे में जानकारी ली.नैक टीम ने संस्कृत एवं वैदिक अध्ययन एवं लोक प्रशासन विभाग का निरीक्षण किया और छात्रों के प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं वर्तमान समाज से जुड़ाव की सराहना की.
दूसरे सत्र के दौरान नैक टीम ने संघमित्रा गर्ल्स हॉस्टल पहुंचकर छात्राओं से मुलाकात की और पालन गृह का भी निरीक्षण किया. कृषि अनुसंधान फार्म में टीम ने विश्वविद्यालय के प्रयासों और उपलब्धियों की जानकारी ली. नैक टीम ने विश्वविद्यालय स्थित खेल मैदान, गेस्टहाउस और फैकल्टी आवास का भी दौरा किया. इसके बाद नैक टीम द्वारा वर्षा जल संरक्षण, जैव विविधता, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत, अपशिष्ट प्रबंधन एवं सुरक्षा एवं संरक्षा रैम्पों की जानकारी भी ली गई.
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राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) संस्थान की ‘गुणवत्ता स्थिति’ की समझ प्राप्त करने के लिए कॉलेजों, विश्वविद्यालयों या अन्य मान्यता प्राप्त संस्थानों जैसे उच्च शैक्षणिक संस्थानों (HEI) का मूल्यांकन और मान्यता आयोजित करती है. NAAC ग्रेडिंग के अनुसार संस्थानों को प्रत्येक प्रमुख पहलू के लिए चार श्रेणियों के तहत वर्गीकृत किया जाता है. ए, बी, सी और डी, क्रमशः बहुत अच्छे, अच्छे, संतोषजनक और असंतोषजन का प्रतीक होता है. NAAC ग्रेड के आधार पर ही केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषण कार्यक्रमों को चलाया जाता है. यानि इसके आधार पर सरकार संस्थान को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं एवं फंड प्रदान करती है. इसके अलावा, यह संस्थानों के बीच निजी क्षेत्र का विश्वास बनाए रखता है और छात्र क्रेडिट के आसान हस्तांतरण में मदद करता है.