नमामि गंगे से मथुरा में यमुना की हालत सुधरी, मिर्जापुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, कासगंज में प्रदूषण पर लगी रोक

नमामि गंगे की ताजा रिपोर्ट से अहम जानकारी मिलती है. रिपोर्ट के मुताबिक 460.45 करोड़ खर्च करके यमुना में गिरने वाले 20 नाले टैप किए गए हैं. 30 एमएलडी का एसटीपी भी तैयार किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 21, 2021 3:51 PM

Mathura News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य की सभी प्रमुख नदियों को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है. नदियों की साफ-सफाई के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट की मदद ली जा रही है. कान्हा की नगरी मथुरा में यमुना नदी के शुद्धिकरण का अहम कार्य पूरा किया गया है.

नमामि गंगे की ताजा रिपोर्ट से अहम जानकारी मिलती है. रिपोर्ट के मुताबिक 460.45 करोड़ खर्च करके यमुना में गिरने वाले 20 नाले टैप किए गए हैं. 30 एमएलडी का एसटीपी भी तैयार किया गया है. नदियों को जीवंत बनाने और सीवरेज की समस्या का समाधान किया जा रहा है. इसका फायदा भी हुआ है.

नमामि गंगे परियोजना के तहत मुरादाबाद में रामगंगा सीवरेज योजना अहम कदम साबित हुई है. 330.05 करोड़ की लागत से 13 नालों को नदी में गिरने से रोका गया है. 58 एमएलडी का अत्याधुनिक एसटीपी भी तैयार है.

मिर्जापुर के चुनार नगर में 2.70 करोड़ से 10 केएलडी का एफएसटीपी बना है. फिरोजाबाद में 51.06 करोड़ की लागत से दो बड़े नालों को आईएंडडी विधि से टैप किया गया है. कासगंज में 76.73 करोड़ से दो नालों को टैप करने और 58 एमएलडी एसटीपी का निर्माण पूरा हो गया है. इन कार्यों से बदलाव आया है.

नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव के मुताबिक प्रदेश सरकार ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों को अत्याधुनिक तकनीक से बनवाया है. बिजली की कम से कम खपत का ध्यान रखा जा रहा है.

सीवर ट्रीटमेंट की नई तकनीक का प्रयोग बेहद कारगर साबित हुआ है. ट्रीटमेंट प्लांटों से नालों का गंदा पानी शुद्ध होने के बाद नदियों में छोड़ा जाता है. इस कारण नदियों में प्रदूषण की मात्रा कम हुई है. यमुना में भी प्रदूषण का स्तर घटा है. नदियों में मशीनों और नांवों से गाद की सफाई का कार्य भी तेजी से हो रहा है.

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