लखनऊ: अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने वाली यूपी सरकार ने बड़ी उपलब्धि दर्ज की है. एनसीआरबी की वर्ष 2022 की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. महिला संबंधी अपराधों में सजा दिलाने में यूपी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. उत्तर प्रदेश में महिला संबंधी अपराध में सजा दिलाने की दर राष्ट्रीय औसत से 180 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है.
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार देश की महिला संबंधी अपराध में सजा दिलाने की राष्ट्रीय औसत दर 25.3 प्रतिशत है. वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 70.8 प्रतिशत महिला संबंधी अपराधों में सजा दिलायी गई है. वहीं मिजोरम में 68 प्रतिशत, बिहार में 60.9 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 59.5 प्रतिशत और मणिपुर में 56.4 प्रतिशत महिला संबंधी अपराधों में सजा दिलायी गई है.
एनसीआरबी के आंकड़ों देखें तो यूपी में गंभीर अपराधिक मामलों में गिरावट दर्ज की गई है. देश में 35 लाख से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए, जबकि यूपी में 4,01,787 ही मुकदमे हुए. उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य है. इसका रेश्यो 16.89 प्रतिशत है, जो यह दिखाता है कि कई छोटे राज्यों की तुलना में यूपी में अपराधिक घटनाओं में काफी कमी आई है.
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार देश में हत्या के 28,522 मुकदमे दर्ज किए गए. जिसका क्राइम रेट 2.1 प्रतिशत है. क्राइम रेट प्रति एक लाख जनसंख्या के सापेक्ष अपराधों की संख्या को अपराध दर के रूप में परिभाषित किया गया है. उत्तर प्रदेश में हत्या के 3,491 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसका क्राइम रेट 1.5 प्रतिशत है. वहीं झारखंड में हत्या का क्राइम रेट 4 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश का क्राइम रेट 3.6 प्रतिशत और छत्तीसगढ़, हरियाणा का 3.4 प्रतिशत है.
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इसी तरह भारत में हत्या के प्रयास के 57,256 मुकदमे दर्ज किए गए. जिसका क्राइम रेट 4.1 प्रतिशत है. यूपी में हत्या के प्रयास के 3,788 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 1.6 प्रतिशत है. दुराचार के 83,344 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 12.4 प्रतिशत है. यूपी में दुराचार के 10,548 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसका क्राइम रेट 9.4 प्रतिशत के साथ पूरे देश में यूपी 17 वें स्थान पर है. यूपी से अधिक उड़ीसा में दुराचार का क्राइम रेट 32 प्रतिशत, केरल का 26.6 प्रतिशत और जम्मू कश्मीर का 24.9 प्रतिशत है. देश में फिरौती के अपहरण के 615 मुकदमे दर्ज किए गए, जबकि उत्तर प्रदेश में महज 30 मुकदमे दर्ज किए गए. फिरौती के लिये अपहरण के मुकदमे के मामले में यूपी 30वें स्थान पर है.