लखनऊ : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने मुख्य सचिव (सीएस) और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी कर दिया है. शाहजहांपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में कंप्यूटर प्रशिक्षक द्वारा 13 छात्राओं का कथित रूप से यौन शोषण करने के मामले में यह नोटिस 17 मई को जारी किया गया है. एनएचआरसी ने एक घटना में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है . मुख्य सचिव और डीजीपी को छह सप्ताह के भीतर अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और जांच की वर्तमान स्थिति से एनएचआरसी को अवगत कराना है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सीएस और डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि- “आयोग पीड़ितों-परिवारों को अब तक भुगतान किए गए मुआवजे की स्थिति जानना चाहता है. और क्या उन छात्राओं को कोई परामर्श प्रदान किया गया है जो घटना के बाद कथित रूप से डरी हुई हैं, और स्कूल जाने से हिचकिचा रही हैं “.
एनएचआरसी ने मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि एक कंप्यूटर प्रशिक्षक ने 12-16 वर्ष की आयु की लड़कियों से छेड़छाड़ की. मामला तब सामने आया जब पीड़ितों ने आपबीती अपने माता-पिता को बताई. पुलिस ने शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया. निलंबित शिक्षकों ने घटना की जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की थी. इस घटना ने कथित तौर पर लड़कियों के आत्मविश्वास को चकनाचूर कर दिया है.
आयोग ने पाया कि मीडिया रिपोर्टों की सामग्री, यदि सत्य है, तो पीड़ित नाबालिग छात्र के मानवाधिकारों का उल्लंघन है. आयोग का यह भी कहना है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करती है कि उसके अधिकार क्षेत्र के सभी स्कूलों को उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, स्कूल अधिकारियों की ओर से पुलिस से किसी भी अप्रिय घटना में किसी भी तरह की देरी या तथ्यों को छिपाने के प्रयास से बचा जाए, ताकि अपराधियों को बिना देरी के पकड़ा जा सके.