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नक्सलियों को फंडिंग मामले में NIA का बड़ा एक्शन, यूपी में आठ जगहों पर छापेमारी में कई लोगों से पूछताछ

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक सर्च ऑपरेशन के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं. हालांकि इनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. एनआईए के अधिकारी मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए फिलहाल कुछ नहीं बोल रहे हैं. जिन स्थानों पर छापेमारी कई गई, वहां किसी को जाने की इजाजत नहीं दी गई.

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की मंगलवार को बड़े पैमाने पर छापेमारी जारी है. एनआईए की अलग अलग टीमें प्रदेश के आठ स्थानों पर छापेमारी में जुटी हैं. बताया जा रहा है कि ये छापेमारी सीपीआई (माओवादी) फंडिंग मामले में की जा रही है.

नक्सली कनेक्शन की जानकारी पर छापेमारी

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, आजमगढ़ और देवरिया जनपद में आठ स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं. इस दौरान नक्सली कनेक्शन को लेकर सघन तलाशी और जांच पड़ताल की जा जा रही है. इस छापेमारी के लिए एनआईए की टीमें मंगलवार सुबह से ही इन जनपद में अलग अलग स्थानों पर पहुंच गई थी.

दरअसल उत्तर प्रदेश सहित अन्य हिस्सों में युवाओं को झांसे में लेकर नक्सली गतिविधियों में शामिल करने के लगातार मामले सामने आए हैं. इसके बाद एनआईए इस संबंध में जानकारी जुटा रही थी. इस दौरान अहम तथ्य सामने आने के बाद मंगलवार को ये छापेमारी की गई. जानकारी के मुताबिक वाराणसी में एनआईए की टीम ने महामानपुर कॉलोनी स्थित एक घर पर दबिश दी. एनआईए की टीम यहां एक छात्र संगठन से जुड़ीं दो लड़कियों से पूछताछ कर रही है.

इन लोगों से पूछताछ में जुटी एनआईए की टीम

जानकारी में सामने आया है कि भगत सिंह छात्र मोर्चा की सदस्य और बीएचयू की छात्रा आकांक्षा से भी पूछताछ हो रही है. दिल्ली से आई टीम सुबह से महामना स्थित छात्रा के आवास पर जांच कर रही है. देवरिया के उमा नगर कस्बे में एनआईए ने छापेमारी की है.

जांच टीम ने जनवादी क्रांति दल के राष्ट्रीय महासचिव हैं डॉ.रामनाथ चौहान के घर दबिश दी. डॉ. चौहान घोषी उपचुनाव में सपा का प्रचार कर रहे थे. टीम सुबह पांच बजे उनके घर पहुंची. उस वक्त वे घर पर मौजूद नहीं थे. डॉ.रामनाथ बीएसपी से भी जुड़े रहे हैं. फिलहाल घर में मौजूद परिवार के दूसरे लोगों से पूछताछ की जा रही है.

लखनऊ में एफआईआर है दर्ज

दरअसल पिछले साल 2022 में जांच एजेंसी एनआईए को कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी. उस वक्त जांच एजेंसी को पता चला कि उत्तर प्रदेश के जनपदों में नक्सल गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए कुछ संदिग्ध लोग कई कार्यक्रम और युवाओं को भड़काने जैसी गतिविधियों में सक्रिय हैं. इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए ने शुरुआती तौर पर कुछ इनपुट इकट्ठा किए, जिसके आधार पर एनआईए ने इस वर्ष जनवरी में लखनऊ जोन में एक एफआईआर (NIA Case no. RC- 01/2023/NIA/LKW ) दर्ज की.

छापेमारी में मिली अहम जानकारी, आसपास के इलाके सील

इस मामले को दर्ज करने के बाद लखनऊ ब्रांच की टीम को नक्सल गतिविधियों को अंजाम देने वाले आरोपियों का वाराणसी, आजमगढ़, चंदौली, प्रयागराज आदि जनपदों से कनेक्शन का पता चला. इसके बाद मंगलवार को सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक सर्च ऑपरेशन के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं. हालांकि इनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. एनआईए के अधिकारी मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए फिलहाल कुछ नहीं बोल रहे हैं. जिन स्थानों पर छापेमारी कई गई, वहां किसी को जाने की इजाजत नहीं दी गई. जहां-जहां एनआई की छापेमारी चल रही है, उसके आसपास के इलाके सील कर दिए गए हैं. लोगों को आने-जाने से रोक दिया गया था.

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