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Lucknow News: लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य विकास सिंह की NIA ने जब्त की प्रापर्टी, इस विधायक को दी थी धमकी

एनआईए का लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों पर ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. इस सिंडिकेट के सदस्यों की हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश में स्थित चार संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई हुई है. एनआईए ने लखनऊ में इस गैंग के सदस्य विकास सिंह की गोमती नगर विस्तार में स्थित फ्लैट को जब्त किया है.

By Sandeep kumar | January 7, 2024 1:30 PM
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency- NIA) ने शनिवार को गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई (Gangster Lawrence Bishnoi) सिंडिकेट से जुड़े सदस्य हिस्ट्रीशीटर विकास सिंह (Vikas Singh) पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. एनआईए की टीम पुलिस के साथ पहुंची और उसकी संपत्ति जब्त की. साथ ही जब्त प्रॉपर्टी के सामने सीज होने की जानकारी का बोर्ड भी लगाया है. विकास सिंह ने गोमतीनगर विस्तार (Gomti Nagar Extension) स्थित पार्क व्यू अपार्टमेंट 2017 में खरीदा था. फ्लैट विकास की पत्नी अंजू सिंह के नाम पर है. इसमें पहले एक होटल मालिक अनुज सिंह पिछले दो वर्षों से किराए पर रहे थे. अपार्टमेंट में रहने वालों ने बताया कि विकास सिंह जब भी वहां आता था तो उसके काफिले में कई गाड़ियां रहती थीं. सरकारी गनर भी उसके साथ रहता था. यह वही विकास सिंह है, जिसके खिलाफ जनवरी 2022 में अयोध्या के गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह ने जान का खतरा बताकर डीजीपी को शिकायत दी थी.

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विधायक अभय सिंह ने लगाया था यह आरोप

अभय सिंह ने आरोप लगाया था कि बिहार, पंजाब और हरियाणा के आपराधियों को बुलाकर विकास सिंह उनकी हत्या करवा सकता है. इसके लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के शूटर लखनऊ आए थे. हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि किसी जांच एजेंसी ने नहीं की है. इसके एक महीने बाद एनआईए की टीम ने विकास के घर पहुंच कर पूछताछ की थी. जनवरी 2022 में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा अयोध्या पूराकलंदर के कुत्तूपुर निवासी एक किशोर एनआईए के हत्थे चढ़ा था. उससे पूछताछ में एनआईए को पता चला कि विकास सिंह ने लॉरेंस गैंग के उन अपराधियों को अपने यहां शरण दी थी, जो मोहाली में हुए राकेट लांचर हमले में शामिल थे. इसी मामले में एनआईए ने विकास सिंह को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. बता दें कि एनआईए द्वारा विकास सिंह की जब्त की गई संपत्ती की कार्रवाई आतंकी गिरोह के आश्रयदाता से संबंधित है. एनआईए के मुताबिक इस संपत्ति को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रविधानों के तहत जब्त किया गया है. एनआईए की जांच में सामने आया कि ये संपत्ति आतंक की कमाई से अर्जित थी और इनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता था.

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माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला का रह चुका है सहयोगी

बता दें कि अयोध्या जिले के देवगढ़ गांव निवासी विकास सिंह की छवि एक दबंग नेता की है. वह महराजगंज थाना का हिस्ट्रीशटर है. उस पर पहला मुकदमा वर्ष 1995 में थाना रामजन्मभूमि में दर्ज हुआ था. छात्रनेता रामगोपाल मिश्र की हत्या में उसे कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ सह आरोपित बनाया गया था. विकास सिंह पर जिले के विभिन्न थानों में तकरीबन 21 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें हत्या सहित गैंगस्टर एवं गुंडा एक्ट तक शामिल हैं. अपराध के साथ राजनीति में भी विकास ने अपनी पहचान बनाई. गत विधानसभा चुनाव में विकास ने भाजपा नेता इंद्रप्रताप तिवारी खब्बू की पत्नी आरती तिवारी के चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी.

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