UP News: अब ‘ई-पड़ताल’ से होगा फसलों की देखभाल, खरीफ सीजन के लिए सर्वे की हुई तैयारी

इस सर्वे के लिए प्रत्येक जिले में 'जिला मास्टर ट्रेनर्स' और तहसील स्तर पर 'तहसील मास्टर ट्रेनर्स' की पहचान की जाएगी और कृषि भवन, लखनऊ में तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रशिक्षण दिया जाएगा.

By Sandeep kumar | July 7, 2023 10:06 PM

Lucknow : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर अब तक किसानों की आय व उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न तरह की योजनाओं से उन्हें लाभान्वित किया है. इसी क्रम में राज्य सरकार किसानों को मौसमी बदलाव के कारण फसल के नुकसान से बचाने और उन्हें सरकारी अनुदान और योजनाओं का लाभ देने के लिए एक डिजिटल फसल सर्वेक्षण ‘ई-पड़ताल’ शुरूआत करेगी.

सीएम योगी की मंशा के अनुरूप इस डिजिटल सर्वे के जरिए न सिर्फ चालू खरीफ सीजन में फसलों के निरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है, बल्कि प्रदेश में अन्य डिजिटल फसल सर्वेक्षणों के लिए भी रोडमैप तय कर लिया गया है. जिसमें रबी और ग्रीष्मकालीन फसल भी शामिल हैं.

इस सर्वेक्षण का उद्देश्य राज्य में फसलों से संबंधित आंकड़ों की वास्तविकता का निर्धारण करके एक ऐसा इको-सिस्टम और डेटाबेस विकसित करना है, ताकि विभाग समय में स्थितियों को अपडेट कर सके. इस सर्वेक्षण में राज्य के 75 जिलों की 350 तहसीलों में 31002 अकाउंटेंट के तहत 35983 ई-पड़ताल क्लस्टर का डेटा शामिल किया जाएगा. प्रत्येक क्लस्टर में फसलों की स्थिति, उनकी तस्वीरें और अन्य संबंधित डेटा फीड़ किया जाएगा.

इस तारीख से शुरू हो सर्वे

इस सर्वेक्षण में फसलों से संबंधित आंकड़ों का एकत्रित होने पर उनकी स्थिति का विस्तृत विवरण डेटाबेस के रूप में प्रस्तुत किया जा सकेगा. इसके आधार पर विभागों को किसानों को योजनाओं का लाभ दिलाने, फसलों का मूल्य निर्धारित करने में मदद समेत कई महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी मिल सकेगी. वर्तमान में, राज्य का खरीफ सीजन 15 जून से शुरू हो गया है और इसके परिणामस्वरूप, खरीफ सीजन सर्वेक्षण की तैयारी शुरू हो गई है.

अब माना जा रहा है कि सर्वे खरीफ सीजन में 10 अगस्त से 25 सितंबर के बीच किया जाएगा. इस सर्वे का समय रबी सीजन के लिए 1 जनवरी से 15 फरवरी और ग्रीष्मकालीन सीजन के लिए 1 मई से 31 मई तक निर्धारित की गई है. वहीं जरूरत पड़ने पर अक्टूबर महीने में एक और विशेष सर्वे भी कराया जा सकता है.

सर्वे करने के लिए मिलेगा विशेष प्रशिक्षण

इस सर्वेक्षण के लिए प्रत्येक जिले में ‘जिला मास्टर ट्रेनर्स’ और तहसील स्तर पर ‘तहसील मास्टर ट्रेनर्स’ की पहचान की जाएगी और कृषि भवन, लखनऊ में तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रशिक्षण दिया जाएगा. लखनऊ मण्डल के सम्बन्धित सर्वेक्षकों, पर्यवेक्षकों एवं सत्यापनकर्ताओं को लोकभवन में तथा अन्य जिलों के सम्बन्धित सर्वेक्षकों, पर्यवेक्षकों और सत्यापनकर्ताओं को जिला मुख्यालय पर प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस सर्वेक्षण को संचालित करने के लिए सहायक आयुक्त स्तर के 12 राज्य मास्टर प्रशिक्षकों की पहचान की गई है और उन्हें प्रशिक्षित किया गया है.

Next Article

Exit mobile version