लखनऊ. प्रदेश के निर्बल वर्ग के विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए योगी सरकार ने एक किलोवाट के घरेलू विद्युत कनेक्शन (बिजली कनेक्शन) को जोड़ने एवं काटने (आरसीडीसी) के शुल्क को 31 जुलाई तक माफ कर दिया है. साथ ही आंशिक भुगतान की न्यूनतम सीमा कुल बकाए का 25 प्रतिशत को भी शिथिल कर दिया गया है. अब गरीब उपभोक्ता अपने बकाया में से न्यूनतम 100 रुपए जमा करके विच्छेदित कनेक्शन जुड़वा सकता है.
उप्र पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम देवराज ने बताया है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अन्तर्गत एलएमवी एक श्रेणी के अन्तर्गत घरेलू उपभोक्ताओं के संयोजन (कनेक्शन) बकाया लम्बित होने पर विच्छेदित कर दिए जाते है. उपभोक्ता द्वारा सम्पूर्ण बकाया या आंशिक रूप से बकाया जमा करने के बाद आरसीडीसी कनेक्शन (काटने एवं जोड़ने) शुल्क के रूप में लगभग 600 रुपए की धनराशि अतिरिक्त जमा करना होता है. गरीब उपभोक्ताओं द्वारा आंशिक रूप से 500 से एक हजार रुपए तक ही बिल की राशि जमा की जाती है.
गरीबों के लिए आरसीडीसी शुल्क के रूप में 600 रुपए जमा किया जाना सम्भव नहीं हो पाता है. इस कारण कनेक्शन को दोबारा नहीं जोड़ा जा सकता है. इसके अतिरिक्त यह भी व्यवस्था है कि यदि बकाए पर संयोजन विच्छेदित है तब उस स्थिति में उपभोक्ता द्वारा 25 प्रतिशत से कम राशि आंशिक रूप में स्वीकार नहीं की जाती हैं. प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप समस्त गरीब उपभोक्ताओं को राहत देते हुए आरसीडीसी शुल्क को माफ करने तथा एक किलोवाट विद्युत भार तक के घरेलू उपभोक्ताओं के विच्छेदित संयोजन को जोड़ने के लिए कुल बकाए का 25 प्रतिशत जमा करने की व्यवस्था को 31 जुलाई, 2023 तक समाप्त करने का निर्णय लिया गया है.