Lucknow : उत्तर प्रदेश में बिजली की कीमतों में इजाफा हो सकता है. नई बिजली दरें मई के अंत तक घोषित हो सकती हैं. बिजली कंपनियों की बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं की सुनवाई पूरी कर ली है. अब आयोग इसे राज्य सलाहकार समिति की बैठक में रखेगा. सलाहकार समिति की बैठक के बाद आयोग बिजली आयोग बिजली दरों पर अपना फैसला सुनाएगा.
वहीं उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का दावा है कि किसी भी कीमत पर दरें नहीं बढ़ने दीं जाएंगी. प्रदेश के विद्युत निगमों की ओर से बिजली दर में करीब 18 से 23 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है. इस पर पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल में नियामक आयोग सुनवाई कर चुका है. सुनवाई के दौरान निगमों ने बिजली दर बढ़ाने के लिए खर्च से लेकर महंगाई तक का तर्क दिया है.
वहीं राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि निगमों पर उपभोक्ताओं का करीब 25133 करोड़ जमा हैं. ऐसे में बिजली दरें कम की जानी चाहिए. अब सुनवाई के बाद नियामक आयोग हर पक्ष से मिले सुझाव की समीक्षा में जुटा है. वहीं उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने आगे कहा उन्होंने खुद हर सुनवाई में हिस्सा लिया है. उपभोक्ताओं के हित में बिजली दर बढ़ोतरी का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा. अब आगे देखना यह होगा कि विद्युत नियामक आयोग इस पर क्या फैसला लेता है.
गौरतलब है कि आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्यगण बीके श्रीवास्तव व संजय सिंह ने वाराणसी, लखनऊ, आगरा और नोएडा में जनसुनवाई कर बिजली दरों में वृद्धि के प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं के सुझाव व आपत्तियों को सुना. हर बैठक में उपभोक्ता परिषद ने दरों में वृद्धि का विरोध किया.