लखनऊः उत्तर प्रदेश में बिजली लाइन को दुरुस्त करने के लिए पोल पर चढ़े बिजली मिस्त्री की अगर करंट लगने ही मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को अब 7.50 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी. इस बारे में जानकारी पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने आदेश जारी कर दी है. दरअसल पहले बिजली विभाग में आउटसोर्सिंग के तहत कार्य करने वाले कर्मचारियों की लाइनों की देखरेख के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर पांच लाख रुपय दी जाती थी.
पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने बताया कि आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से विद्युत उपकेंद्रों में काम करने वाले लाइनमैन के अनुरक्षण एवं परिचालक, आउटसोर्सिंग श्रमिकों की विभागीय कार्य करते समय अगर दुर्घटना में मौत हो जाती है तो मृतक के परिजनों को विभाग की ओर से सहायता धनराशि को रुपए 5 लाख से बढ़ाकर 7.50 लाख रुपए कर दिया गया है. यह आज यानी एक जुलाई 2023 लागू की जाएगी.
एम देवराज ने दुर्घटना का कारण लापरवाही पाए जाने पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी है. मानसून के दौरान बिजली संबंधी दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से, उत्तर प्रदेश सरकार ने विभाग के अधिकारियों के लिए दिशानिर्देशों का एक सेट जारी किया है, जिसमें बारिश के दौरान होने वाली खराबी को ठीक करना और रखरखाव कार्य में निर्धारित मानकों का पालन करना शामिल है.
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एम देवराज ने मानसून सीजन के दौरान बिजली विभाग के विशेषकर आउटसोर्स कर्मचारियों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है.यूपीपीसीएल चेयरमैन ने दुर्घटना का कारण लापरवाही पाए जाने पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी है. उन्होंने आगे निर्देश दिया कि जहां भी ऐसी दुर्घटनाएं हुईं, घायल कर्मचारियों की पूरी देखभाल और उपचार के लिए आवश्यक व्यवस्था की जानी चाहिए और नियमानुसार मुआवजे का समय पर भुगतान भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए.