लखनऊ. सबकुछ उम्मीद के मुताबिक रहा तो अयोध्या में राम मंदिर के औपचारिक उद्घाटन से पहले रामलला विदेशियों का भी दान स्वीकार करने लगेंगे. राम मंदिर के औपचारिक उद्घाटन से पहले प्रवासी भारतीय और विदेशियों को अपना योगदान देने का अवसर मिलेगा. राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को नवंबर से एनआरआई खातों के माध्यम से विदेशी धन हासिल करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय से मंजूरी मिलने की उम्मीद है. ट्रस्ट वर्तमान में रोजाना आने वाले तीर्थयात्रियों और व्यक्तियों के योगदान से एक महीने में 1 करोड़ रुपये से अधिक का धन दान के रूप में पाता है. अभी तक एफसीआरए (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) पंजीकरण नहीं होने से मंदिर ट्रस्ट को देश के बाहर से दान स्वीकार करने की मंजूरी नहीं मिली है.
अयोध्या में ट्रस्ट के कैंप कार्यालय के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्ता ने कहा,’सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. जरूरी दस्तावेज तैयार कर लिए गए हैं. हमें नवंबर में गृह मंत्रालय (एफसीआरए पंजीकरण संख्या) से मंजूरी मिलने की उम्मीद है . गुप्ता आगे कहते हैं कि हम अन्य देशों से दान स्वीकार करना शुरू कर देंगे.उनका कहना था कि विदेशों में बसे भारतीय रोजाना दान की उस प्रक्रिया के बारे में पूछताछ करते हैं जिसका विदेशी धन हस्तांतरण के लिए पालन करने की आवश्यकता होती है.एफसीआरए की मंजूरी मिलने के बाद ट्रस्ट वेबसाइट पर विवरण अपडेट कर देगा.
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फरवरी 2020 में अधिसूचित, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने मई में एफसीआरए पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, जब वह अन्य दस्तावेजों के साथ तीन साल के लिए अपने बैंक खातों का ऑडिटेड स्टेटमेंट प्रस्तुत करने में सक्षम था. सूत्रों ने कहा कि आम तौर पर पंजीकरण आवेदनों की प्रक्रिया में छह महीने लगते हैं. इसलिए ट्रस्ट 30 नवंबर तक मंजूरी की उम्मीद कर रहा है. एनआरआई या ट्रस्ट का एफसीआरए खाता एसबीआई नई दिल्ली की मुख्य शाखा, संसद मार्ग, दिल्ली में खोला जाएगा. उत्तर प्रदेश में अभी तक 694 एफसीआरए पंजीकृत संगठन हैं. 8 वर्तमान में अयोध्या-फैजाबाद में सक्रिय हैं और विदेशी धन प्राप्त करते हैं.