Loading election data...

पुरानी पेंशन के लिये सड़क पर उतरे केंद्रीय व राज्य कर्मचारी, सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन

पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली संयुक्त मंच ने मंगलवार को प्रदेश भर में अपनी ताकत दिखायी. केंद्रीय, राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों व पेंशनर्स के इस मंच ने पुरानी पेंशन बहाली के एकजुट होकर प्रदर्शन किया. जिससे राज्य व केंद्र सरकार कर्मचारियों बुढ़ापे की लाठी को बहाल करे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2023 7:51 PM

लखनऊ: राज्य कर्मचारियों/शिक्षकों के साथ केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने मिलकर पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली लिए जिला मुख्यालयों पर धरना प्रर्दशन कर सरकार को घेरा. पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली संयुक्त मंच बनाकर केंद्रीय व राज्य कर्मचारी संगठनों के साथ शिक्षकों के संगठनों ने मंगलवार को सरोजनी नायडू पार्क में कर्मचारी प्रेरणा स्थल बीएन सिंह की प्रतिमा स्थल पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया.

इस मौके पर हरि किशोर तिवारी ने कहा कि पेंशन भीख नहीं है. शिवबरन सिंह यादव ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की बात को अनुसना कर रही है. जो घातक हो सकता है. यदि पुरानी पेंशन नहीं दी गई तो पूरा कर्मचारी समाज एक साथ सड़क पर आकर आंदोलन करेगा. इं. एनडी द्विवेदी ने कहा कि बिना आंदोलन के कुछ नहीं हो सकता है. अब केंद्रीय व राज्य के कार्मिक एक हैं. आंदोलन बड़ा होगा.

शत्रुघ्न यादव ने कहा कि केंद्र व राज्य कर्मचारी व शिक्षकों को साथ लेकर बड़ा आंदोलन होने जा रहा है. सरकार दबाव में है. एसबी सिंह ने कहा कि सरकार वोट की राजनीति से डरती है. इस बार 2024 का लोकसभा चुनाव का मुद्दा पुरानी पेंशन बनेगा. अविनाश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि जनसंपर्क के बाद ही यह आंदोलन चलाया जा रहा है, इसलिए इसका व्यापक प्रभाव होगा.

रेलवे के आरके पांडेय ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारी के बुढ़ापे का सहारा है. एसयू शाह ने कि पेंशन के लिए सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है. विवेक कुमार ने कहा कि आईटीआई के सभी कर्मचारी एकजुट हैं. केंद्रीय कर्मचारी संगठन साथ हैं. इसलिए आंदोलन का न व्यापक रहेगा. अमिता त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश भर में कार्यक्रम हो रहे हैं. लेकिन लखनऊ राजधानी होने के कारण विशेष प्रभाव छोड़ता है.

प्रमोद वर्मा आकाशवाणी ने कहा कि राज्य कर्मचारियों के साथ मिलकर पुरानी पेंशन मुद्दे पर आंदोलन करना नया प्रयोग है. राज्य कर्मचारी संगठनों का पूरा समर्थन केंद्रीय कर्मचारी संगठनों को प्राप्त हो रहा है. सुजीत कुमार लेखपाल संघ ने कहा कि लेखपाल जमीन स्तर पर कार्य करता है. बुढ़ापे में दर दर की ठोकरे नहीं खाना चाहता है. लेखपाल संघ के राममूरत यादव ने कहा कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती, तब तक कर्मचारी शिक्षक समाज का संघर्ष जारी रहेगा.

प्रदर्शन में आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के जोनल सेक्रेटरी एसयू शाहा, डिवीजनल सेक्रेटरी आरके पांडे, डिवीवजन अध्यक्ष भूभूती मिश्रा, आल इंडिया पोस्टल एकाउंड इम्लाइज एसोसिएशन के महासचिव शत्रुघ्न यादव, प्रेम कुमार सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयु क्त परिषद, जीएन सिंह डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ, दिवाकर राय, विकास यादव, विक्रम शाह, आयकर से संतोष मिश्रा, बृजेश यादव, पासपोर्ट से संजय वर्मा, दूरदर्शन से एसबी सिंह, आकाशवाणी से प्रमोद कुमार वर्मा मौजूद थे.

इसके अलावा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद परिषद यूपी के अध्यक्ष इंजीनियर हरि किशोर तिवारी, महामंत्री शिवबरन सिंह यादव, अमिता त्रिपाठी, फहीम अख्तर, उद्यान से अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र तिवारी, अमरजीत मिश्रा सिंचाई विभाग ड्राइंग स्टाफ एसोसिएशन, अशोक कुमार सिंह, राजस्व निरीक्षक संघ कृषि से राधारमन मिश्रा, समाज कल्याण से धर्मेंद्र सिंह, मुकेश जोशी मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version