Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन बहाली के लिये दिल्ली में रैली आज, लाखों कर्मचारी पहुंचे रामलीला मैदान
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में देशभर से लाखों कर्मचारी शिक्षक पहुंच गये. रैली में पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों ने जबरदस्त एकजुटता दिखायी है. कर्मचारियों का कहना है कि पांच राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो सकती है तो पूरे देश में क्यों नहीं?
लखनऊ: पुरानी पेंशन बहाली के लिये अटेवा (ATEWA) व नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) से जुड़े संगठन रविवार 1 अक्टूबर को रामलीला मैदान दिल्ली पहुंच गये. इस रैली में देश भर से कर्मचारी पहुंचे हैं. शुक्रवार से ही कर्मचारियों का दिल्ली पहुंचना जारी था. 1 अक्टूबर को सुबह से ही रामलीला मैदान भरा हुआ था. दिल्ली पुलिस ने मैदान में टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी है. इसके बावजूद कर्मचारियों के जोश में कमी नहीं आयी है.
विजय कुमार बंधु ने कहा कि पुरानी पेंशन शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए जीवन मरण का प्रश्न बन गया है. पुरानी पेंशन बहाल न होने से शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों में भारी आक्रोश है. अटेवा लगातार निजीकरण भारत छोड़ो का अभियान चला रहा है. पिछले महीनों में बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली सहित कई राज्यों में निजीकरण भारत छोड़ो अभियान के तहत 18 हजार किलोमीटर की यात्रा की गई. जिससे पूरे देश के शिक्षकों, कर्मचारियों में जागरूकता पैदा हुई और पुरानी पेंशन बहाली की मांग प्रबल हुई.
उन्होंने बताया कि संघर्ष की इसी कड़ी में 1 अक्टूबर 2023 को रामलीला मैदान नई दिल्ली में पेंशन शंखनाद महारैली रखी गई है. जिसमें देशभर से लाखों-लाख कर्मचारी शामिल होंगे और रैली के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरानी पेंशन बहाली एवं निजीकरण की समाप्ति की मांग की जाएगी. जब पांच राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो सकती है तो पूरे देश के शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए क्यों नहीं?
विजय बंधु ने कहा कि देश के अर्द्धसैनिक बलों को पुरानी पेंशन न देना कौन सा राष्ट्रवाद है? उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि निजीकरण निम्न व मध्य वर्ग के खिलाफ अमीरों का षड़यंत्र है. निजीकरण के विविध रूप दें, कभी बेसिक शिक्षा में एनजीओ के मध्य से, माध्यमिक विभाग की धारा 21 की समाप्ति से, विभागों में आउटसोसिंग एवं संविदा के माध्यम से युवाओं के साथ शोषण किया जा रहा है.
महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने पत्रकारों से कहा कि वर्तमान सरकार शिक्षक, कर्मचारी विरोधी है. शिक्षकों, कर्मचारियों के प्रति तानाशाही रवैया अपना रही है. जबकि शिक्षक कर्मचारी सरकार का आंख, नाक और कान होता है. सरकार की सारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम यही शिक्षक कर्मी करता है. यह वर्तमान सरकार शिक्षकों, कर्मचारियों के अधिकारों पर लगातार कुठाराघात कर रही है. इसका परिणाम सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है.
डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिये अटेवा (ATEWA) व नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) से जुड़े संगठनों ने Vote for OPS का अभियान पूरे देश में जोरदार तरीके से चलाएंगे. उन्होंने सभी संगठनों से अपील की है कि 01 अक्टूबर को होने वाली दिल्ली की महारैली में सहयोग और समर्थन करते हुए अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे.
यूपी प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रमुख रूप से अशोक कुमार, प्रांतीय महामंत्री चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ, मनोज पांडेय, अध्यक्ष सुवाका, लता सचान अध्यक्ष नर्सिंग स्टॉफ एसोसिएसन (एसजीपीजीाई), सुनील कुमार मिश्रा प्रांतीय अध्यक्ष, योगेश कुमार वर्मा प्रांतीय महामंत्री अनुसचिवीय अधिष्ठान संघ सिचाई विभाग, अमित कुमार यादव प्रांतीय अध्यक्ष ड्राइंग स्टाफ एसोसियेशन सिंचाई विभाग, राममूरत यादव लेखपाल संघ, डॉ. राम लखन यादव प्रधानाचार्य परिषद मौजूद थे.
इसके अलावा पवन कुमार गौतम प्रांतीय अध्यक्ष, अमित कुमार प्रांतीय महामंत्री सर्फिल आफिसेस सिंचाई विभाग, भारत यादव लोक निर्माण विभोग, राकेश कुमार वर्मा रेलवे संघ व आनंद कुमार मिश्रा, संजय रावत, सर्वेश यादव स्वास्थ्य विभाग, अंशू कोडिया, रामराज दुबे, नरेंद्र कुमार यादव, सुनील कुमार वर्मा जिला संयोजक अटेवा, विवेक गुप्ता, नरेंद्र कुमार अध्यक्ष, अमरेश सिंह महामंत्री दुग्धशाला विकास ने कर्मचारियों-शिक्षकों से 1 अक्टूबर को आयोजित रैली में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की है.