Om Prakash Rajbhar: यूपी से ओम प्रकाश राजभर और संजय निषाद को एनडीए की बैठक में बुलावा नहीं, असमंजस की स्थिति
Om Prakash Rajbhar यूपी में एनडीए के दो सदस्य दल दिल्ली की बैठक में नहीं शामिल हो रहे हैं. इन्हें बैठक में शामिल होने की जानकारी नहीं दी गई है. दोनों ही एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रहे थे. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.
लखनऊ: राजधानी दिल्ली में हो रही एनडीए (NDA) की बैठक में ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) और संजय निषाद में नहीं पहुंचे. दोनों ही नेताओं को बैठक में शामिल होने के लिए बुलावा नहीं आया था. मीडिया से बातचीत में ओम प्रकाश राजभर ने इसका खुलासा किया है. हालांकि यूपी से एनडीए के दो घटक दलों अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल और आरएलडी के जयंत चौधरी इस बैठक में शामिल हो रहे हैं.
सुभासपा और निषाद पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं
एनडीए की बुधवार को दिल्ली की बैठक में सभी घटक दलों को बुलाया गया है. लेकिन लखनऊ से दो महत्वपूर्ण दल वहां नहीं पहुंचे हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने मीडिया से बतचीत में कहा कि उन्हें बैठक के बारे में सूचित नहीं किया गया है. इसलिए वो बैठक में शामिल नहीं होंगे. यही नहीं निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद की भी एनडीए के बैठक में न जाने की बात उन्होंने कही है.
संविधान खतरे में बताकर लोगों को भ्रमित किया
ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने लोकसभा चुनाव में घोसी से अरविंद राजभर के हारने और यूपी में इंडिया गठबंधन की जीत पर कहा कि सपा कांग्रेस ने संविधान खतरे की कहकर लोगों को भ्रमित किया. इस बात को उन्होंने कई बार कहा और मुद्दा बना दिया. यहां तक कि बसपा के वोटर भी उनके साथ चले गए.
ओम प्रकाश राजभर और संजय निषाद के बेटे चुनाव हारे
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर ओम प्रकाश राजभर लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी गठबंधन में शामिल हुए थे. उनके बेटे अरविंद राजभर (Arvind Rajbhar) को घोसी (Ghosi Lok Sabha) से एनडीए गठबंधन के तहत टिकट मिला था और वो सुभासपा के चुनाव निशान छड़ी पर चुनाव लड़े थे. लेकिन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजीव राय ने अरविंद राजभर को हरा दिया. संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद संत कबीर नगर से चुनाव लड़ रहे थे. यहां उन्हें समजावादी पार्टी के पप्पू निषाद ने पटकनी दी है. दोनों ही नेताओं को लोकसभा चुनाव में एक-एक सीट मिली थी. लेकिन दोनों ही नेताओं के बेटे चुनाव हार गए हैं.