लखनऊ : 2024 में भाजपा को हराने के लिए विपक्षी दलों की महाबैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सरकारी आवास एक अणे मार्ग पर सुबह 11.30 बजे से होगी. इस बैठक में देश के सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को शामिल होना है. उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल बसपा ने बैठक से न केवल किनारा किया है बल्कि नीतीश कुमार के प्रयासों को असफल प्रयोग बताया है. मायावती के बाद रालोद के नेता जयंत चौधरी ( Jayant Chaudhary) दूसरा बड़ा नाम है जिसने पटना से दूरी बना ली है.
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) द्वारा शुक्रवार को पटना में बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक ‘ दिल मिले ना मिले, हाथ मिलाते रहिए ‘ तथा बिना आम सहमति के एक साथ रहने का उदाहरण है. बसपा सुप्रीमो ने जदयू नेता नीतीश कुमार के प्रयासों पर कटाक्ष किया है. कहा, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करने के लिए विपक्षी खेमे की पटना बैठक ‘मुंह में राम, बगल में छुरी ‘ की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है.
मायावती कहती हैं कि कांग्रेस, भाजपा और अन्य समान दलों में डॉ. भीमराव अंबेडकर के ” मानवतावादी और समतावादी ” संविधान को लागू करने की क्षमता नहीं है. बेहतर होता कि ये दल शिक्षा की कमी, सांप्रदायिक उन्माद, जातिवादी नफरत, बेरोजगारी और अन्य सामाजिक और आर्थिक बुराइयों को दूर करने की कोशिश करतीं. उन्होंने आगे कहा कि यूपी की 80 संसदीय सीटें चुनावी सफलता की कुंजी हैं.
विपक्षी दलों के रवैये को देखते हुए नहीं लगता कि वे अपने मकसद को लेकर गंभीर हैं. उन्होंने कहा, ”प्राथमिकताएं ठीक किए बिना क्या लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जरूरी बदलाव आएंगे?’ मायावती ने दो टूक कहा कि विपक्षी पार्टियों के रवैये से ऐसा नहीं लगता है कि वे यहां अपने उद्देश्य के प्रति गंभीर व सही मायने में चिन्तित हैं.
रालोद प्रमुख जयंत चौधरी भी 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के इस कदम को विपक्षी दलों की बैठक को एक झटका के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि छोटे चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार को इस संबंध में चिट्ठी भी लिखी है. बैठक में शामिल न होने के लिए असमर्थता जाहिर की है. रालोद अध्यक्ष की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखी गई चिट्ठी में पूर्व में निर्धारित कार्यक्रमों को पटना न पहुंचने की वजह बताया है. उत्तर प्रदेश की राजनीति में कयास लगाया जा रहा है कि बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) शामिल हो रहे हैं. जयंत चौधरी अखिलेश यादव से अपनी नाराजगी को प्रकट करने के लिए ऐसा कर रहे हैं.
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