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UP में 16 हजार प्रवासी भारतीयों के पैन कार्ड निरस्त, इस वजह से आयकर विभाग ने की कार्रवाई, अब करना होगा ये काम

आयकर विभाग ने आवास के पते की जानकारी और रिटर्न दाखिल नहीं करने के मामले में जिन लोगों के पैन कार्ड निष्क्रिय किए हैं, उनमें बड़े पैमाने पर प्रवासी भारतीय भी हैं. उत्तर प्रदेश में ऐसे लोगों की संख्या हजारों में है. आयकर विभाग ने इन सभी से असुविधा से बचने के लिए इस प्रक्रिया को पूरा करने को कहा है.

By Sanjay Singh | July 20, 2023 7:32 AM

Lucknow News: आयकर विभाग को अपना आवासीय पता देने में टालमटोल करने और रिटर्न नहीं भरने वाले उत्तर प्रदेश के 16 हजार से ज्यादा प्रवासी भारतीयों के पैन कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं. इन लोगों से काफी पहले ही आवासीय पता देने को कहा गया था. इसके अलावा रिटर्न भरना भी जरूरी है. आयकर विभाग ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी. हालांकि इस कार्रवाई के बावजूद प्रवासी भारतीय रिटर्न दाखिल कर सकेंगे.

आयकर विभाग के मुताबिक जिन प्रवासी भारतीयों ने तीन वर्ष से आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. इसके साथ ही संबंधित आयकर निर्धारण अधिकारी को अपनी नवीनतम आवासीय स्थिति के बारे में जानकारी नहीं दी है, उन लोगों के पैन निष्क्रिय हो गए हैं. राजधानी लखनऊ में भी प्रवासी भारतीयों के कई परिवार रहते हैं.

प्रवासी भारतीयों के लिए पैन को आधार से लिंक कराना अनिवार्य नहीं है. जिन प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) और विदेशी नागरिकों का पैन (स्थायी खाता संख्या) आधार से जुड़ा नहीं होने के कारण निष्क्रिय हो गया है, उन्हें इसे सक्रिय कराने के लिए आयकर अधिकारी को आवास का प्रमाण देना होगा.

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खास बात है कि निष्क्रिय पैन का मतलब यह नहीं है कि ऐसे लोगों को ब्लॉक कर दिया गया है. पैन निष्क्रिय होने के बावजूद ऐसे लोग आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. निष्क्रिय पैन पर रिफंड और रिफंड पर ब्याज जारी नहीं किया जाएगा. निष्क्रिय पैन के लिए उच्च दर पर टीडीएस कटौती की जाएगी.

जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में करीब छह लाख प्रवासी भारतीय हैं, जिनके परिवार यहां रह रहे हैं. इनमें से अधिकांश अपना आयकर रिटर्न प्रदेश के आवासीय पते से दाखिल करते हैं. अप्रवासी भारतीयों को निवेश के लिए ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अलग से एनआरआई विभाग बनाया है. प्रवासी और विदेशी निवेशकों को अधिकतम सुविधाएं देने के लिए अलग से नीति लाने की तैयारी भी की जा रही है.

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए देश में अब तक तीन करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं. दाखिल किए गए कुल आयकर रिटर्न्स में 91 प्रतिशत का इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सत्यापन भी किया जा चुका है. 18 जुलाई 2023 तक दाखिल किए गए 3.06 करोड़ आईटीआर में से 2.81 करोड़ आईटीआर ई-सत्यापित हो चुके हैं. ई-सत्यापित किए जा चुके आईटीआर में से 1.50 करोड़ से अधिक रिटर्न्स की प्रोसेसिंग भी की जा चुकी है. आयकर विभाग के अनुसार करोड़ आयकर रिटर्न का लक्ष्य पिछली बार की तुलना में इस वर्ष सात दिन पहले ही हासिल कर लिया गया है.

दरअसल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से पैन और आधार कार्ड को लिंक कराने की आखिरी तारीख 30 जून के साथ ही बीत चुकी है. जिन टैक्सपेयर्स का पैन कार्ड इनएक्टिव हो चुका है, उन्हें अतिरिक्त धनराशि देकर इसे अपडेट कराना होगा. प्रवासी भारतीय भी आवास की जानकारी नहीं देने और रिर्टन दाखिल नहीं करने के कारण इससे प्रभावित हुए हैं. इसे लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जानकारी दी गई है.

आयकर विभाग ने दी ये जानकारी

  • आयकर विभाग ने एनआरआई की आवासीय स्थिति को मैप किया है, यदि उन्होंने पिछले 3 वर्ष में से किसी एक में आईटीआर दाखिल नहीं किया है या उन्होंने क्षेत्राधिकार मूल्यांकन अधिकारी (जेएओ) को अपनी आवासीय स्थिति के बारे में सूचित नहीं किया है, तो पैन कार्ड को निष्क्रिय कर दिया गया है.

  • जिन एनआरआई के पैन निष्क्रिय हैं, उनसे अनुरोध है कि वे पैन डेटाबेस में अपनी आवासीय स्थिति को अपडेट करने के अनुरोध के साथ सहायक दस्तावेजों के साथ अपने संबंधित जेएओ को अपनी आवासीय स्थिति के बारे में सूचित करें.

  • ओसीआई-विदेशी नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे पैन डेटाबेस में अपनी आवासीय स्थिति को अपडेट करने के अनुरोध के साथ सहायक दस्तावेजों के साथ क्षेत्राधिकार मूल्यांकन अधिकारी (जेएओ) को अपनी आवासीय स्थिति के बारे में सूचित करें. जेएओ का विवरण इस लिंक पर उपलब्ध है https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/pre-login/knowYourAO

  • आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि पैन कार्ड निष्क्रिय होने के बावजूद कोई भी आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल कर सकता है.

  • निष्क्रिय पैन को लेकर अहम जानकारी दी गई है कि निष्क्रिय पैन पर लंबित रिफंड और ऐसे रिफंड पर ब्याज जारी नहीं किया जाएगा. धारा 206एए के अनुसार निष्क्रिय पैन के लिए उच्च दर पर टीडीएस कटौती की आवश्यकता होगी. इसके साथ ही धारा 206सीसी के अनुसार निष्क्रिय पैन के लिए उच्च दर पर टीसीएस एकत्र करने की आवश्यकता होगी.

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