लखनऊ : उत्तर प्रदेश में करीब ढाई दशक के बाद पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया 17 मार्च तक पूरी कर ली जायेगी. इसके बाद हाई कोर्ट के निर्देशानुसार पंचायत चुनाव कराये जायेंगे.
मालूम हो कि हाई कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है कि 30 अप्रैल तक हर हाल में पंचायत चुनाव करा लिये जायें. वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग 15 मार्च को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करेगी. 17 मार्च तक त्रिस्तरीय पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. अर्थात्, 17 मार्च से 30 अप्रैल के बीच चुनाव कराये जाने की उम्मीद है.
नये परिसीमन के बाद राज्य निर्वाचन आयोग 24 फरवरी तक मतदाता सूची का प्रकाशन करेगा. अर्थात्, 23 फरवरी तक ही मतदाता अपना मतदान पत्र बना पायेंगे.
राज्य निर्वाचन आयोग इसके बाद 24 फरवरी से दो मार्च तक दावे और आपत्तियों का निबटारा और तीन से आठ मार्च तक निस्तारण कर दिया जायेगा. इसके बाद अंतिम सूची 15 मार्च को जारी की जायेगी.
भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि सूबे में पंचायतों के परिसीमन का कार्य हो गया है. अब 826 विकास खंड और 58194 ग्राम पंचायतें हैं. चुनाव में 7,31,813 ग्राम पंचायत सदस्य, 75855 क्षेत्र पंचायत और 30,051 जिला पंचायत सदस्य चुने जायेंगे.
उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण निर्धारण नीति का शासनादेश जल्द ही जारी किया जायेगा. उन्होंने कहा कि साल 2020-21 में 58756 से अधिक पंचायतों में सामुदायिक शौचालय के निर्माण, 75 जिलों में 2498 पंचायत भवनों का निर्माण कराया जाना है.
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि परिसीमन के बाद सूबे में क्षेत्र पंचायतों की संख्या 826, ग्राम पंचायतों की संख्या 58,194 और ग्राम पंचायतों में वार्डों की संख्या 7,31,813 हो गयी है.