Nehru Jayanti: लखनऊ को नवाबों की नगरी कहा जाता है. इसी लखनऊ में एक छोटी सी मुलाकात ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की दिशा को ही बदल दिया था. यह भेंट थी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बीच. 14 नवंबर को चाचा नेहरू के नाम से भी जाने जाने वाले उन्हीं पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती है. ऐसे में लखनऊ में हुई ऐतिहासिक मुलाकात को समझते हैं.
दरअसल, 26 दिसंबर 1916 को जवाहर लाल नेहरू ट्रेन पर सवार होकर इलाहाबाद (आज के प्रयागराज) से लखनऊ आए थे. उस समय उनकी उम्र महज 27 साल थी. इसी बैठक में महात्मा गांधी भी आए हुए थे. चारबाग रेलवे स्टेशन पर दोनों की मुलाकात हुई. कुशल-क्षेम पूछने के साथ ही कुछ बात हुई. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपनी आत्मकथा में राष्ट्रपित महात्मा गांधी के साथ हुई अपनी भेंटवार्ता का जिक्र भी किया है. उन्होंने लिखा है कि- दोनों के बीच स्वतंत्रता संग्राम की रणनीति पर चर्चा हुई थी.
राजनीतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से यकीनन वो मुलाकात भारतीय इतिहास में काफी मायने रखती है. नेहरू जी ने अपनी आत्मकथा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी से हुई उस भेंटवार्ता को बड़ा महत्व दिया है. वो यह भी स्वीकार करते हैं कि इस छोटी भेंट ने उनके लिए स्वतंत्रता संग्राम की दिशा तय करने में बड़ा योगदान दिया.
प्रोफेसर दुर्गेश श्रीवास्तव, लखनऊ यूनिवर्सिटी
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बीच हुई ऐतिहासिक मुलाकात की याद में लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर गांधी उद्यान बनाया गया है. यहां पर एक हेरिटेज इंजन भी रखा गया है. यहां एक शिलालेख भी है, जिस पर दोनों के बीच की हुई मुलाकात का वर्णन किया गया है.
Also Read: जयंती विशेष: पंडित नेहरू की जन्मस्थली पर कभी था रेड लाइट एरिया, इस तरह मिटा दाग