संसद की सुरक्षा में चूक मामला: आरोपी सागर के पिता से पुलिस ने रातभर की पूछताछ, खुफिया एजेंसी को मिली डायरी
पुलिस ने सागर की घर से एक डायरी और शैक्षणिक प्रमाण पत्रों को अपने कब्जे में लिया है. पिता के मुताबिक 2015 में जब सागर ने सीनियर सेकेंडरी की परीक्षा पास की तब से इस डायरी में कुछ लिखता रहता था. सागर ने जनवरी 2021 में अपने दोस्त के साथ बेंगलुरु में हुई मुलाकात का जिक्र डायरी में किया है.
संसद की सुरक्षा को भेदकर कार्यवाही के दौरान सदन में कूदने वाले आरोपियों में शामिल लखनऊ रहवासी सागर शर्मा के पिता रोशनलाल से पुलिस ने पूरी रात पूछताछ कर गुरुवार की सुबह छोड़ा. अब वे लखनऊ स्थित अपने घर को बंद करके रिश्तेदार के यहां चले गए. पुलिस ने घर से सागर की एक डायरी और शैक्षणिक प्रमाण पत्रों को अपने कब्जे में लिया है. पिता के मुताबिक 2015 में जब सागर ने सीनियर सेकेंडरी की परीक्षा पास की तब से इस डायरी में कुछ लिखता रहता था. सागर ने जनवरी 2021 में अपने दोस्त के साथ बेंगलुरु में हुई मुलाकात का जिक्र डायरी में किया है. उधर, मामले में अब चुप्पी साध चुकीं सागर की मां बेटी को लेकर अपनी मायके चली गई हैं. उनका भी घर इसी बिल्डिंग में है. इसके बाहर पुलिसकर्मी तैनात रहे. दरअसल संसद में बुधवार को कार्यवाही के दौरान विजिटर गैलरी से सदन में कूदे दो लोगों ने कलर स्प्रे छोड़ दिया था. पकड़ में आए इन लोगों में से एक की पहचान आलमबाग के रामनगर निवासी ई-रिक्शा चालक सागर शर्मा के रूप में हुई थी. उसके पिता रोशनलाल कारपेंटर हैं. परिवार में मां रानी व बहन माही है. दिल्ली पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर वारदात के कुछ ही देर बाद पुलिस ने उसके घर दबिश दी थी.
एक टीम उसकी मां, बहन, नाना-नानी व मामा से पूछताछ कर रही थी तो दूसरी रोशनलाल को थाने ले गई थी. जानकारी के मुताबिक पुलिस ने पूरी रात पूछताछ के दौरान रोशनलाल से बेटे के बारे में जानकारी ली. उन्होंने इसकी पुष्टि की कि सागर 11 दिसंबर को घर से निकला था. तब उसने दिल्ली में धरना प्रदर्शन में शामिल होने की बात कही थी. वह यह नहीं बता सके कि सागर किसी संगठन से जुड़ा है या नहीं? इससे पहले कभी प्रदर्शन में गया या नहीं? एक्टिविस्ट की तरह काम करता था क्या? जैसे सवालों के जवाब में रोशनलाल ने जानकारी न होने का हवाला दिया. वहीं पुलिस के साथ हुई पूछताछ में रोशनलाल ने कहा कि जब भी वह कभी न्यूज देखते या किसी सत्ताधारी नेता का भाषण सुनते तो सागर टीवी बंद कर देता था. बोलता था कि ये सब देखने से बेहतर है कि टीवी बंद रहे, क्योंकि सरकार कुछ नहीं करती है. पिता की मानें तो सागर सरकार के खिलाफ बेहद आक्रोशित रहता था. यही गुस्सा उसकी सोशल मीडिया पोस्ट में भी दिखता है. पिता ने खुद कहा कि वे उसे समझाते थे. हालांकि, यह नहीं पता था कि वह ऐसी हरकत कर देगा.
पुलिस ने रोशनलाल से यह जानने का प्रयास किया कि क्या उन्हें कभी सागर की गतिविधि संदिग्ध लगी? इस पर उन्होंने इन्कार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह बहुत सामान्य जीवन जीता था. कभी किसी से विवाद तक नहीं हुआ. हमेशा नौकरी आदि के बारे में सोचता था. बेरोजगारी को लेकर गुस्से में रहता था. घटना के बाद से सागर के परिजन दहशत में है. बुधवार को वे बातचीत कर रहे थे, लेकिन गुरुवार से चुप्पी साध ली. मोहल्ले में मामले की चर्चा हो रही है. जांच एजेंसियां सागर व उनसे जुड़े लोगों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल खंगाल रही है.
Also Read: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सागर की मां बोली- प्रदर्शन में शामिल होने की बात कहकर गया था घर से मैसूर गया था सागर, किसी संगठन से जुड़ाव के सुराग नहींवहीं सागर शर्मा के बारे में छानबीन के लिए केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने यूपी पुलिस से संपर्क साधा. इसके बाद बीती रात एटीएस की टीम ने उसके आलमबाग स्थित आवास पर जाकर कई जानकारियां जुटाईं. इसे केंद्रीय एजेंसियों से साझा किया जा रहा है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अब तक की छानबीन में सामने आया है कि सागर बंगलुरु के अलावा मैसूर भी गया था. फिलहाल उसके किसी संगठन के साथ जुड़े होने के सुराग हाथ नहीं लगे हैं. एटीएस और लखनऊ पुलिस के अधिकारी परिजन के अलावा उसके करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों की भी जानकारी जुटा रहे हैं. आईबी के लखनऊ कार्यालय के अधिकारी भी प्रकरण पर नजर बनाए हैं. डीजीपी मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जरूरत पड़ी तो पर एक टीम को सागर से पूछताछ के लिए दिल्ली भेजा जा सकता है.
सोशल मीडिया एक्टिव रहता था सागरवारदात के बाद जब सागर की फेसबुक प्रोफाइल खंगाली गई तो पता चला कि उसके दो अकाउंट है. सागर के परिवारवालों ने उसका ललित नाम का कोई दोस्त होने की जानकारी से इन्कार किया है, लेकिन फेसबुक पर इसके सबूत हैं. सागर ने जो पोस्ट डाली, उसमें ललित को टैग किया है. उसने किसान आंदोलन के समर्थन में भी पोस्ट शेयर किए थे. अब तक सामने आए तथ्यों से आशंका है कि सागर सोशल मीडिया के जरिये गिरोह के अन्य साथियों के संपर्क में आया. बंगलूरू, गुरुग्राम आदि जगहों पर मुलाकात होती रहीं. सिंगनल एप पर सभी आपस में जुड़े थे.
सूत्रों के मुताबिक इस एप में एक ग्रुप भी बना रखा था, जिसमें साजिश संबंधी बातचीत करते थे. हालांकि, जांच पूरी होने पर दिल्ली पुलिस इस बारे में खुलासा करेगी. वहीं सागर ने संसद भवन में वारदात को अंजाम देने से एक दिन पहले सुबह करीब छह बजे इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी पोस्ट की थी. इसमें लिखा था कि जीते या हारें पर कोशिश तो जरूरी है. अब देखना ये है कि सफर कितना हसीन होगा. उम्मीद है फिर मिलेंगे. इसके साथ ही एक गाने की स्टोरी भी लगाई. इसके बोल हैं मर भी गया अगर, मरने का गम नहीं, देख जरा मेरा हौसला, मुझको डरा सके, तुझमें वो दम नहीं, सुन ले जहां मेरा फैसला.