लखनऊ: देश की संसद में लोकसभा कार्यवाही के दौरान विजिटर्स गैलरी से अंदर कूदकर उपद्रव मचाने और स्प्रे छिड़क कर सदन के अंदर स्मौक अटैक करने वाले दो लड़कों में शामिल सागर शर्मा यूपी की राजधानी लखनऊ के आलमबाग स्थित रामनगर का रहने वाला है. उसका परिवार इस इलाके में 15 साल से रह रहा है. सागर शर्मा अपने पिता रोशन लाल शर्मा, मां रानी और छोटी बहन माही के साथ मकान संख्या 555 च-149 में रह रहा था. यह बंशीधर का घर है. वह अपनी मां रीना शर्मा से दिल्ली में एक काम होने की बात कहकर तीन दिन पहले यानी 11 दिसंबर को यहां से गया था. वह लखनऊ में ई-रिक्शा चलाता है. सागर की इस करतूत के बारे में पता चलते ही लखनऊ पुलिस भी एक्टिव हो गई. पूर्वी और पश्चिम जोन की पुलिस टीम शाम 5.00 बजे तक उसके घर पहुंच गई. सागर के माता-पिता ने कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में कुछ नहीं पता है. अभी मीडिया और पुलिस से ही उन्हें इस बारे में पता चला है. पिता रोशन लाल शर्मा व मां रानी ने कहा कि उनका बेटा एकदम शांत स्वभाव का है. उसने ऐसा कैसे कर दिया इस बारे में उन्हें कुछ नहीं पता. रानी ने कहा कि सागर ई-रिक्शा चलाता है. 15 साल से वह लोग यहां किराये पर रह रहे हैं. दो दिन पहले दोस्तों के साथ काम से जाने की बात कहकर दिल्ली गया था. मंगलवार को उससे मोबाइल पर बात भी हुई थी. पिता रोशन ने बताया कि वह बढ़ई है. मूल रूप से वह लोगों उन्नाव के पुरवा के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि बेटे के मोहल्ले में रहने वाले कोई दोस्त उसके साथ नहीं गये थे. इसी परिसर के पिछले हिस्से में सागर की नानी भी अपने बेटे के साथ रहती है. नानी ने कहा कि उसने ऐसा क्यों कर दिया इस बारे में उन्हें कुछ नहीं पता.
वहीं हाईस्कूल में पढ़ने वाली सागर की बहन माही ने बताया कि सागर दो साल पहले एक दोस्त के साथ बंगलुरु गया था. वहां कुछ समय तक वह रहा था. फिर पिछले रक्षाबंधन पर यहां लौट आया था. इसके बाद वह ई-रिक्शा चलाने लगा. वह किसके साथ बंगलुरु गया था, इस बारे में घर वाले कुछ नहीं बता सके. इसके अलावा मामा प्रदीप कहना है कि सागर बहुत ही शांत स्वभाव का था. व्यवहार में वह बहुत अच्छा था. बहुत ही सीधा-साधा है, कभी कोई लड़ाई झगड़ा नहीं करता था. पता नहीं कैसे वह संसद तक पहुंच गया, ये समझ में नहीं आ रहा. उनका कहना है कि सागर को किसी ने फंसाया है. किसी के बहकावे में आकर उसने ऐसा कदम उठाया है. वहीं, डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि सागर के बारे में कई जानकारियां जुटायी जा रही हैं. उसका घर मानक नगर थाना क्षेत्र में पड़ता है. इस वजह से पश्चिम जोन की पुलिस भी पड़ताल में लगी है.
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वहीं इस घटना के बाद से रामनगर मोहल्ला अचानक लाइमलाइट में आ गया. न्यूज चैनलों की ओवी वैन के अलावा पुलिस अफसरों की गाड़ियां शाम को वहां पहुंचने लगीं. इतनी चहलकदमी देखकर सब हैरत में पड़ गए. कुछ देर बाद ही सबको पता चल गया कि आखिर हुआ क्या है. एक छोटे से घर में 15 साल से किराये पर रहने वाले सागर को अधिकतर लोग जानते नहीं थे. लेकिन अब मोहल्ले के हर किसी की जुबां पर उसी का नाम चर्चा में था. उसके साथ कुछ दिन तक ई-रिक्शा चलाने वाले अजय वर्मा ने कहा कि वह अक्सर मिलता था. दिल्ली जाने से पहले भी वह मिला था. उसकी बातों से कभी ऐसा नहीं लगा कि उसके मन में क्या चल रहा है. एक करीबी सहयोगी ने कहा कि सागर अत्यधिक जानकार था और राजनीति के बारे में सब कुछ जानते था. एक करीबी सहयोगी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि हम एक समूह के छात्र विंग द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान मिले थे और मैं उनके ज्ञान से आश्चर्यचकित था, हालांकि उन्होंने केवल 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी.
उसी सहयोगी ने आगे कहा कि वह राजनीतिक आंदोलनों में बहुत सक्रिय था और मैं उसे शहर में हर विरोध प्रदर्शन में देखता था. उन्होंने आगे कहा कि बाद में वह लखनऊ में एक स्थानीय राजनीतिक दल में भी शामिल हो गए और उनके साथ तस्वीरें पोस्ट करते देखे गए. व्यक्ति ने आगे कहा कि हालांकि, मुझे नहीं पता था कि वह ऐसा करेगा क्योंकि यह मेरे लिए भी चौंकाने वाला है. वहीं मानक नगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर शिव मंगल सिंह ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने लोकसभा घटना में सागर की संलिप्तता के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है. हम उनसे प्रारंभिक जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं.
बता दें कि मोहल्ले में हर कोई यह जानना चाह रहा था कि आखिर सागर ने किस वजह से ऐसा किया है. पर इस बारे में कोई कुछ नहीं बता सका. सागर के माता-पिता ने साफ कह दिया था कि इस बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है. दोस्तों का कहना था कि इंटर तक की पढ़ाई करने वाला सागर किसी के बहकावे में आ गया. वह समझ नहीं सका कि वह क्या करने जा रहा है. उसके परिवार की तो बदनामी हुई ही साथ ही उसे जेल भी जाना पड़ेगा. कोई यह नहीं बता सका कि आखिर इसके पीछे उसका मकसद क्या था. वहीं जांच में ये बात सामने आई है कि इस साजिश में कुल 6 लोग शामिल थे. 2 लोगों ने अंदर हंगामा किया, तो 2 ने बाहर हंगामा किया. 2 लोग इस मामले में फरार हैं. संसद भवन की सुरक्षा तोड़ने वाले दोनों आरोपी युवकों के नाम सागर और मनोरंजन है.
इनके साथ नीलम और अमोल शिंदे ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सागर शर्मा मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के अतिथि के रूप में विजिटर्स गैलरी में आया था. लोकसभा में भाजपा सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे. तभी सागर और मनोरंजन सदन की बेंच पर कूदने लगे. दोनों ने जूते में कुछ स्प्रे छिपा रखा था. उसे निकालकर स्प्रे किया, जिससे सदन में पीला धुआं फैलने लगा. जिससे पूरे सदन में अफरा-तफरी का माहौल था. इसके बाद सांसदों ने दोनों को पकड़ लिया. कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बताया कि मैंने उसे सबसे पहले पकड़ा. कुछ ने दोनों की पिटाई भी की. इसके बाद सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया गया. इसे देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था.