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UP: ‘पिटबुल’ इंसान के साथ दूसरे जानवरों पर कर रहे जानलेवा हमला, स्ट्रीट डॉग भी बने खूंखार, सामने आई ये वजह

यूपी में पिटबुल डॉग के जानलेवा हमले के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. ये इंसान के साथ अन्य जानवरों पर भी अटैक कर रहे हैं. कई जगह नगर निगम ने इनके पालने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. लेकिन, अभी भी लोगों ने चोरी छिपे इन्हे पाला हुआ है. इसके अलावा स्ट्री डॉग के काटने की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है.

Dog attack in UP: उत्तर प्रदेश में झांसी के सीपरी बाजार इलाके में प्रतिबंधित पिटबुल के एक बछड़े को मारने का मामला सामने आया है. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. प्रकरण में पुलिस ने पिटबुल डॉग मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. सीपरी बाजार के नालगंज निवासी बुजुर्ग महिला अपने पिटबुल डॉग को सड़क पर घुमा रही थी. इस दौरान वहां घूम रहे एक बछड़े को देखकर पिटबुल डॉग हिंसक हो गया.


पशु मालिक पर एफआईआर दर्ज

महिला से रस्सी छुड़ाकर वह बछड़े पर टूट पड़ा. देखते-देखते उसने बछड़े को नोंच-नोंचकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. कुछ देर में ही बछड़े की मौत हो गई. एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह के मुताबिक डॉग मालिक के खिलाफ पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. वहीं झांसी नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. राघवेंद्र सिंह ने बताया कि पिटबुल, रॉट पिलर जैसे हिंसक डॉग घरों में पालना प्रतिबंधित है. इनके लाइसेंस नगर निगम नहीं बनाता है. ऐसे डॉग के घरों में मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.

गोंडा में मालिक को लहुलूहान करने के बाद पिटबुल की मौत

गोंडा के देहात कोतवाली क्षेत्र में बीते दिनों एक पिटबुल ने अपने ही मालिक पर हमला कर जख्मी कर दिया.माझा तरहर गांव के हनुमंत लाल का छोटा भाई दिल्ली में रहकर कारोबार करता है. वह कुछ महीने पहले नई दिल्ली से अपने साथ पिटबुल डॉग गांव लाया था. कुछ दिनों बाद वह दिल्ली चला गया. इसके बाद पिटबुल की जिम्मेदारी हनुमंतलाल और उनके बच्चों पर थी. बीते दिनों हनुमंतलाल पिटबुल को टहलाने निकले थे. कुछ दूर जाने के बाद उन्होंने देखा कि उनकी छोटी बेटी भी पीछे-पीछे आ रही है.

हनुमंतलाल ने बेटी को वापस घर जाने को कहा. बच्ची फिर भी पीछे-पीछे चली आ रही थी, इस पर हनुमंत लाल ने उसे जोर से डांट दिया. इससे गुस्साया पिटबुल हनुमंतलाल पर हमलावर हो गया. उसने काफी देर तक मालिक को गिराकर नोंचा, जिससे वह लहूलुहान हो गए. उन्हें एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां से लखनऊ रेफर कर दिया गया. इस घटना के कुछ घंटे बाद अचानक पिटबुल की मौत हो गई. हनुमंतलाल के परिजनों ने गांव के पास ही उसे दफना दिया.

बच्चों से लेकर बुजुर्गों को बना रहे निशााना

लखनऊ में बाजार खाला के बुलाकी अड्डा के पास बीते दिनों दो साल की मासूम बच्ची पर पिटबुल डॉग ने हमला कर दिया. घटना में मासूम बच्ची बुरी तरह जख्मी हो गई, उसे अस्पताल रेफर करना पड़ा. इससे पहले लखनऊ में पिटबुल डॉग ने अपनी 82 साल की बुजुर्ग मालकिन पर हमला कर दिया था. इस घटना में महिला की मौत हो गई थी.

लखनऊ के गोमतीनगर में भी मालिक के साथ सैर पर निकले पिटबुल कुत्ते ने एक युवक को बेरहमी से काट लिया था. इसी तरह गाजियाबाद में भी पार्क में खेल रहे बच्चे पर पिटबुल डॉग ने कान, नाक और गाल में काट लिया था. इससे बच्चे को सौ से अधिक टांके लगाने पड़े थे.


स्ट्रीट डॉग भी हुए खूंखार, प्रतिदिन 80 से ज्यादा केस आ रहे सामने

पिटबुल के अलावा स्ट्रीट डॉग भी लगातार लोगों पर हमले कर रहे हैं. कुशीनगर के पडरौना में जिला अस्पताल और सीएचसी के रिकाॅर्ड के मुताबिक हर रोज 80 से ज्यादा लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं. इनमें 18 फीसदी संख्या बच्चों की है. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविंद्र प्रसाद ने बताया कि गर्मी में इजाफा होने की वजह से कुत्तों के व्यवहार में बदलाव आया है. ये ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं, क्योंकि कुत्तों के दिमाग में थर्मो रेगलेट्री सिस्टम नहीं होता है.

यही कारण है कि अपनी गर्मी को शांत करने के लिए जीभ निकालकर हांफते हैं. इससे महज 10 से 15 प्रतिशत ही गर्मी निकल पाती है. गर्मी के चलते इनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है. वहीं स्ट्रीट डॉग भोजन के लिए लोगों पर ही निर्भर हैं. कई बार खाना नहीं मिलने और खाली पेट होने के चलते भी इनमें गुस्सा बढ़ रहा है.

50 से ज्यादा लोग रोजाना एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे अस्पताल

इसी तरह सिद्धार्थनगर में भी गली-मोहल्ले में खुला घूमने वाले स्ट्रीट डॉग ज्यादा खूंखार साबित हो रहे हैं. जनपद में हर दिन 55 से 60 लोग कुत्तों के हमलों के शिकार हो रहे हैं. मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य केंद्रों के रिकॉर्ड के मुताबिक रोजाना 50 से ज्यादा लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं. इनमें 25 से 30 फीसदी संख्या बच्चों की है.

शहर की तंग गलियों से लेकर प्रमुख सड़कों पर आवारा इन्होंने डेरा जमा लिया है. इनकी संख्या इतनी ज्यादा होती है कि अगर सावधान नहीं रहे तो चार-पांच स्ट्रीट डॉग पीछे लग जाते हैं, फिर झुंड में हमला कर देते हैं. इनके हमलों से कई बार बाइक सवार अनियंत्रित होकर गिर जाते हैं.

बच्चे बन रहे झुंड का शिकार

देवरिया में भी स्ट्रीट डॉग का कहर देखने को मिल रहा है. जिला अस्पताल में प्रतिदिन 70 से ज्यादा लोग एंटी रैबीज लगवाने पहुंच रहे हैं. इनमें 20 से 25 प्रतिशत संख्या बच्चों की है. स्ट्रीट डॉग झुंड में इन पर हमला कर रहे हैं. पशु चिकित्साधिकारी अरविंद कुमार वैश्य के मुताबिक भूख और गर्मी स्ट्रीट डॉग के हिंसक होने की बड़ी वजह है.

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