अयोध्या में प्लास्टिक कचरे से ईंधन बनाने का प्लांट लगाने की तैयारी, कार्बन उत्सर्जन कम करने में होगा मददगार
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने की संभावना है. ये सिलसिला लगातार चलता रहेगा. लोगों की भारी भीड़ उमड़ने के कारण शहर में कचरा में भी इजाफा होगा. प्लास्टिक की बोतल सहित अन्य सामान शहर की सुंदरता में धब्बा नहीं लगाएं, इसके लिए अभी से प्रबंध किए जा रहे हैं.
Ayodhya News: रामनगरी अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद देश दुनिया के श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इसके लिए अयोध्या का हर तरह से विकास किया जा रहा है, ताकि लोगों को ठहरने, घूमने से लेकर अन्य किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो. पर्यटक और श्रद्धालु यहां से एक सुखद अनुभव लेकर जाएं. इसके लिए अयोध्या को नए सिरे से संवारा रहा जा रहा है और कई प्रकार की पहल की जा रही है. इसी कड़ी में अब उत्तर भारत का पहला सबसे बड़ा प्लास्टिक से ईंधन बनाने वाला प्लांट अयोध्या में लगाया जाएगा. यहां 20 टन क्षमता का प्लांट लगाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए प्राइवेट कंपनी अयोध्या में दो चरणों में 100 करोड़ का निवेश करेगी. इस परियोजना से कूड़ा उठाने वाले और रिक्शा चालकों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार उपलब्ध होगा. इस संयंत्र में प्रतिदिन 20 टन प्लास्टिक कचरे के निस्तारण करने के लिए दो रिएक्टर लगाए जाएंगे. खास बात है कि इस तरह की परियोजना से सड़क पर प्लास्टिक नहीं रहने के कारण गायें प्लास्टिक खाने से बच जाएंगी.
लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने से कचरे में भी होगा इजाफा
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने की संभावना है. ये सिलसिला लगातार चलता रहेगा. इसके लिए रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैंड और अन्य स्थानों को संवारा जा रहा है. वहीं लोगों की भारी भीड़ उमड़ने के कारण शहर में कचरा में भी इजाफा होगा. प्लास्टिक की बोतल सहित अन्य सामान शहर की सुंदरता में धब्बा नहीं लगाएं, इसके लिए अभी से प्रबंध किए जा रहे हैं.
वर्तमान में अयोध्या शहर में प्रतिदिन 350 टन सॉलिड वेस्ट निकलता है. इसमें 30 से 35 टन प्लास्टिक होता है. पर्यटकों की संख्या बढ़ने से प्लास्टिक कचरे में और इजाफा होगा. ऐसे में कचरे के निस्तारण के लिए प्लास्टिक से ईंधन बनाने वाला प्लांट बेहद अहम माना जा रहा है. इसके लिए अयोध्या में 100 कचरा संग्रह बॉक्स लगाए जाएंगे. प्रत्येक बॉक्स के संचालन के लिए एक महिला की नियुक्ति की जाएगी.
देश में अन्य स्थानों पर सफल हो चुके हैं प्रयोग
योजना के मुताबिक हर बॉक्स में पांच बैटरी रिक्शा और 20 से 25 कचरा बीनने वाले गरीबों को जोड़ा जाएगा. ये उन्हें रोजगार दिलाने में भी मददगार होगा. इसके लिए बेंगलुरु की कंपनी एम के एरोमेटिक्स लिमिटेड यहां अयोध्या में प्लास्टिक कचरे से ईंधन बनाने के लिए संयंत्र लगाएगी. कंपनी का प्लास्टिक कचरे से ईंधन बनाने का संयंत्र चेन्नई में 12 साल से काम कर रहा है. इसके जरिए अब तक 26000 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे का निस्तारण किया जा चुका है. इस प्रयास से 24000 मीट्रिक कार्बन उत्सर्जन रोका गया है. इसी तरह का एक प्लांट इस साल गोवा में शुरू किया गया है.
इस तरह काम करेगा प्लांट
कंपनी से जुड़े लोगों के मुताबिक प्लास्टिक कचरे को एकत्र कर प्लांट में भेजा जाएगा. वहां रिएक्टर में प्लास्टिक कचरे को 350 से 450 डिग्री सेल्सियस तापमान पर गर्म किया जाएगा. इससे हाइड्रोकार्बन, क्रूड ऑयल बनेगा. इसके बाद क्रूड ऑयल को ऑटोमेटिव ग्रेड डीजल में तब्दील किया जाएगा. इस डीजल का इस्तेमाल जनरेटर, ट्रैक्टर, पंप सेट, भारी मशीनरी और भारी वाहन, डंपर और बुलडोजर संचालन में होगा. 1000 ग्राम प्लास्टिक कचरे से 800 एमएल क्रूड ऑयल बनेगा. इसमें पॉलीमर एनर्जी का टेक्नालॉजी का इस्तेमाल होगा.
दूसरे चरण में किया जाएगा विस्तार
संयंत्र लगाने वाली कंपनी के निदेशक इमरान रिजवी के मुताबिक पहले चरण में यह योजना अयोध्या शहर में काम करेगी. इसके बाद दूसरे चरण में इसका विस्तार किया जाएगा. अयोध्या मंडल के अन्य जिलों के ब्लॉक में भी यह परियोजना काम करेगी.