Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत ‘दर्शन’ पोर्टल के लोगो की लॉन्चिंग की. उन्होंने विभिन्न सेवाओं और अनुदान के लिए कृषक पंजीकरण का शुभारंभ किया. सीएम योगी ने पहले किसानों के नाम पर सिर्फ नारेबाजी होती थी, अब काम हो रहा है.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अब तक किसी वजह से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किश्त नहीं मिली है, उनको भी इससे जोड़ा जाएगा. पात्र पाए जाने पर उन्हें पिछली किस्तें भी मिलेंगी. किसानों की आय दोगुना करने पर काम किया जा रहा है. यूपी में अब तक 55800 करोड़ की धनराशि किसानों को इस योजना के जरिए प्राप्त हो चुकी है. इससे 2.63 करोड़ किसान अभी जुड़े हुए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान लोगों ने बदलते हुए भारत को देखा है. देश के अंदर किसान और श्रमिक भी शासन के एजेंडे का हिस्सा हो सकते हैं, ये लोगों ने पहली बार महसूस किया. उन्होंने कहा कि किसान और श्रमिक ऐसा सबका है जो किसी जाति, मजहब और पंथ का नहीं है. वह समाज की जरूरतों को पूरा करने और अपने परिश्रम से देश और दुनिया का पेट भरने का काम करता है. इसके बावजूद वह शासन का हिस्सा नहीं बन पाता है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इनके नाम पर बड़े-बड़े नारे तो लगते थे. लेकिन, वह शासन की योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित हो सके, यह कभी देखने को नहीं मिला. वर्ष 2014 के बाद एक-एक करके विभिन्न योजनाओं से प्रत्येक किसान को जोड़ते हुए उसे लाभान्वित करने का काम किया गया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर व्यक्ति अपनी जांच कराता है, स्वास्थ्य परीक्षण कराता है. लेकिन, जो धरती माता हमारा पेट भरने के लिए अन्न उत्पन्न करती है, उस धरती माता का स्वास्थ्य परीक्षण करने का कार्य बड़े पैमाने पर पहली बार तब देखने को मिला जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनें.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सॉइल हेल्थ कार्ड फ्री में प्रदान कराने का अभियान पूरे देश में व्यापक स्तर पर चलाया जगया. आपदाएं पहली भी आती थी. अतिवृष्टि ओलावृष्टि या अन्य प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में फसलें पहले भी आती थीं. लेकिन, किसान को कुछ नहीं मिलता था.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से पूरे देश के अंदर एक वृहद्ध अभियान चलाया गया. अन्नदाता किसानों के हित में पहली बार उनकी फसल को बीमा से कवर करने का अभियान चलाया गया. इस तरह किसानों को इन योजनाओं के जरिए आपदाओं के प्रभाव से होने वाले नुकसान को कम करने का प्रयास किया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान के खेत तक पानी पहुंचे, इसके लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बनाई गई. वर्ष 2017 से लेकर 2022 के बीच हमने स्वयं भारत सरकार के साथ मिलकर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के जरिए 22 लाख हेक्टेयर जमीन को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने का काम किया. इससे किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने में मदद मिली.
उन्होंने कहा कि यह सभी योजनाएं एक-एक करके आगे बढ़ती गईं. उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में किसान को लागत का डेढ़ गुना दाम दिलाने के लिए एमएसपी की घोषणा की थी. आज न्यूनतम समर्थन मूल्य न केवल धान और गेहूं बल्कि अन्य फसलों में भी मिल रहा है. दलहन और तिलहन से जुड़ी अन्य तमाम फसलों में किसानों का इसका लाभ मिलता दिखाई दे रहा है.