Ram Mandir: पीएम मोदी 21 जनवरी को पहुंच सकते हैं अयोध्या, जानें क्यों हो रहा बदलाव ?

प्रधानमंत्री एक दिन पहले 21 जनवरी को अयोध्या पहुंच सकते हैं. यूपी में खराब मौसम के देखते हुए यह संभावनाएं जताई जा रही हैं. इन दिनों यूपी में घना कोहरा पड़ रहा है. यदि 22 जनवरी को मौसम खराब रहा और कोहरा पड़ा तो अयोध्या एयरपोर्ट पर फ्लाइट लैंड करने में दिक्कत हो सकती है.

By Amit Yadav | January 18, 2024 5:57 PM
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लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले अयोध्या पहुंच सकते हैं. पीएम को पहले 22 दिसंबर को अयोध्या पहुंचना था. यूपी में मौसम की खराबी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. माना जा रहा है कि कोहरे के चलते पीएम की फ्लाइट को लैंड करने में दिक्कत आ सकती है. इसलिए प्रधानमंत्री एक दिन पहले 21 जनवरी को अयोध्या पहुंच सकते हैं. हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि न तो तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने की है और न ही शासन-प्रशासन ने.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान 12 बजे के बाद है. ऐसे में पीएम मोदी को लगभग दो घंटे पहले अयोध्या पहुंचना होगा. जिससे वह प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले वाले आयोजन में शामिल हो सकें. माना जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान से पहले पीएम सरयू में स्नान करेंगे. इसके बाद वह पैदल राम मंदिर तक सकते हैं. जटायू की मूर्ति की पूजा का पीएम का प्लान पहले ही तय हो चुका है. इसके अलावा नागेश्वर मंदिर और छोटी कुलदेवी मंदिर भी वह जा सकते हैं. इसके लिए काफी समय की जरूरत होगी.

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गर्भ गृह में कई अनुष्ठान में शामिल होंगे पीएम

22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गर्भ गृह में रहेंगे. वह इस आयोजन के लिए 11 दिन के विशेष अनुष्ठान पर है. प्राण प्रतिष्ठा के दिन भी उन्हें परंपरा के अनुसार विभिन्न आयोजन में शामिल होना है. इसमें सरयू में स्नान से लेकर गर्भ गृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उन्हें दर्पण दिखाना, आंखों में काजल लगाना आदि शामिल है. रामलला की आंखों पर बंधी पट्टी भी पीएम खोल सकते हैं. आचार्यों की विशेष टीम के निर्देशन में यह सारे अनुष्ठान होंगे. खासतौर से आंखों पर पट्टी खोलने वाले कार्य में विशेष सावधानी की जरूरत है. श्री रामलला विराजमान के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के अनुसार मंत्रों से प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति में दिव्यता आ जाती है. इसीलिए प्राण प्रतिष्ठा से पहले आंखों पर पट्टी बांधी जाती है. यह पट्टी अनुष्ठान पूरे होने के बाद ही खोली जाती है. इस समय कोई मूर्ति के सामने नहीं रहता है. पूरे आयोजन के बाद 23 जनवरी से श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन हो सकेंगे.

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