प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की सक्रियता की वजह से पिछले चार वर्षों में उत्तर प्रदेश को एक नयी पहचान और नयी उड़ान मिली है. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 6.1 लाख लाभार्थियों को करीब 2691 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता राशि जारी करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विकास की योजनाओं को तेज गति से अमली जामा पहनाने और अपराधियों व दंगाइयों पर सख्ती के लिए योगी सरकार की जमकर सराहना की.
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने रिमोट कंट्रोल का बटन दबाकर योजना के लाखों लाभार्थियों के लिए वित्तीय सहायता जारी की.इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने योजना के लाभार्थियों से संवाद भी किया और उन्हें नये मकान की शुभकामनाएं भी दी.केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2016 में शुरु हुई इस योजना ने देश के गांव की तस्वीर बदलनी शुरू कर दी है और उनकी सरकार की कोशिश है कि मूलभूत सुविधाओं में गांव और शहर के बीच का अंतर कम किया जा सके.उन्होंने कहा, गांव में सामान्य व्यक्ति के लिए भी जीवन उतना ही आसान हो जितना बड़े शहरों में है. प्रधानमंत्री आवास योजना को शौचालय, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी जोड़ा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों में उत्तर प्रदेश की सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं को जिस तेजी से आगे बढ़ाया है, उससे राज्य को एक नई पहचान भी मिली है और नई उड़ान भी मिली है.उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ अपराधियों और दंगाइयों पर सख्ती और दूसरी तरफ कानून व्यवस्था पर नियंत्रण.एक तरफ अनेक एक्सप्रेस वे का तेजी से चल रहा काम, तो दूसरी तरफ एम्स जैसे बड़े संस्थान.मेरठ एक्सप्रेस वे से लेकर बुंदेलखंड गंगा एक्सप्रेस वे तक उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार तेज करेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यही वजह है कि आज उत्तर प्रदेश में बड़ी-बड़ी कंपनियां भी आ रही हैं और छोटे छोटे उद्योगों के लिए भी रास्ते खुल रहे हैं.प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के क्रियान्वयन में हीला-हवाली के लिए उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने कहा कि पहले गरीबों को यह विश्वास ही नहीं था कि सरकार भी घर बनाने में उसकी मदद कर सकती है.
उन्होंने कहा, जो पहले की आवास योजनाएं थीं और उसके तहत जिस स्तर के घर बनाए जाते थे, वह भी किसी से छिपा नहीं है.गलती गलत नीतियों की थी लेकिन नियति के नाम पर गरीबों को भुगतना पड़ता था. उन्होंने कहा, मुझे याद है 2016 में हमने जब इस योजना की शुरूआत की थी तो कितनी परेशानी आई थी.पहले जो सरकार थी उसे कितनी ही बार भारत सरकार की तरफ से चिट्ठियां लिखी गई थी.
लेकिन वह इसे नजरअंदाज करती रही.उस सरकार को आज भी उत्तर प्रदेश का गरीब भुला नहीं है. उन्होंने कहा कि आज योगी आदित्यनाथ की सरकार की वजह से यहां आवास योजना के काम की गति भी बदल गई और तरीका भी बदल गया है. उन्होंने कहा, आज उत्तर प्रदेश में करीब 22 लाख ग्रामीण आवास बनाए जाने हैं.
इनमें से 21.5 लाख घरों को बनाए जाने की स्वीकृति भी दी जा चुकी है.” प्रधानमंत्री द्वारा बुधवार को जारी वित्तीय सहायता में 5.30 लाख लाभार्थियों को पहली किस्त और 80 हजार लाभार्थियों को जारी दूसरी किस्त शामिल है.ये 80 हजार लाभार्थी पहली किस्त का लाभ ले चुके हैं.प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 तक सभी के लिए पक्के मकान का आह्वान किया था.इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की शुरुआत वर्ष 2016 में की गई थी.
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प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि के अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत अकुशल श्रमिक की मजदूरी के रूप में सहायता और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण या किसी अन्य स्रोत से शौचालय के निर्माण के लिए 12 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाती है.इस योजना में भारत सरकार, राज्य सरकार तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के कई कार्यक्रमों और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन और जल जीवन मिशन के तहत स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया गया है.
Posted By : Rajneesh Anand