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पीएम ने जिस शिव पुराण का किया विमाेचन उसकी 20 लाख से अधिक प्रतियां प्रकाशित, ऐसा है नेपाली में अनुवादित ग्रंथ

इस संपूर्ण ग्रंथ दो 225 चित्र हैं. संस्कृत के श्लोक के साथ हिंदी में अनुवाद है. शिव महापुराण का नेपाली भाषा में अनुवाद डॉ काशीनाथ ने किया है. पीएम ने कहा कि जब धर्म और सत्य पर संकट आता है, तब गीता प्रेस जैसी संस्थाएं मानवीय मूल्यों और आदर्शों को पुनर्जीवित करने के लिए जन्म लेती हैं.

लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जिस चित्रमय शिव पुराण और नेपाली भाषा में अनुवादित शिव महापुराण का विमोचन किया उनकी लाखों प्रतियां प्रकाशित हो चुकी हैं. गीता प्रेस की ओर से जानकारी दी गई कि शताब्दी वर्ष समापन समारोह के उपलक्ष्य में प्रकाशित चित्रमय शिव पुराण दो खंड में है. इस संपूर्ण ग्रंथ दो 225 चित्र हैं. संस्कृत के श्लोक के साथ हिंदी में अनुवाद है. शिव महापुराण का नेपाली भाषा में अनुवाद डॉ काशीनाथ ने किया है. वह इस मौके पर काठमांडू से गोरखपुर पहुंचे थे. गीता प्रेस शिव पुराण क अब तक 20 लाख 25 हजार से प्रतिया प्रकाशित कर चुका है.

गीता प्रेस करोड़ों-करोड़ लोगों के लिए मंदिर से कम नहींग्रं
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पीएम ने जिस शिव पुराण का किया विमाेचन उसकी 20 लाख से अधिक प्रतियां प्रकाशित, ऐसा है नेपाली में अनुवादित ग्रंथ 2

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गीता प्रेस की खूब तारीफ की. प्रधानमंत्री ने कहा कि गीता प्रेस सिर्फ एक संस्था नहीं है. बल्कि एक जीवंत आस्था है. देश के करोड़ों-करोड़ लोगों के लिए यह किसी मंदिर से कम नहीं है. पीएम ने कहा कि जब धर्म और सत्य पर संकट आता है, तब गीता प्रेस जैसी संस्थाएं मानवीय मूल्यों और आदर्शों को पुनर्जीवित करने के लिए जन्म लेती हैं. गीता प्रेस विश्व का ऐसा इकलौता प्रिंटिंग प्रेस है जो करोड़ों लोगों के लिए किसी मंदिर से जरा भी कम नहीं है. इसके नाम में भी ‘गीता’ है और काम में भी ‘गीता’ है. गीता’ का 10वां अध्याय बताता है कि ईश्वर कितनी भी विभूतियों के रूप में सामने आ सकता है.

Also Read: किसानों को बंपर मुनाफा, हरियाणा की मंडियों में अच्छी कीमत पर खूब बिक रहा यूपी का बासमती धान, जानें कीमत मानवीय मूल्यों व आदर्शों को पुनर्जीवित कर रही गीता प्रेस जैसी संस्था

पीएम मोदी ने कहा कि कभी कोई संत आकर समाज को नई दिशा दिखाते हैं तो कभी गीता प्रेस जैसी संस्थाएं मानवीय मूल्यों व आदर्शों को पुनर्जीवित करने के लिए जन्म लेती हैं. हमने गुलामी की परंपराओं को पूरे आत्मविश्वास के साथ बदलने का काम किया है. देश की धरोहरों और भारतीय विचारों को उनका उचित स्थान दिलाने का प्रयास किया है. आज देश ‘विकास और विरासत’ दोनों को साथ लेकर चल रहा है. एक ओर भारत डिजिटल टेक्नालॉजी में नए रिकॉर्ड बना रहा है तो साथ ही सदियों बाद काशी में बाबा विश्वनाथ धाम का दिव्य स्वरूप देश के सामने प्रकट हुआ है. सदियों बाद अयोध्या जी में राम मंदिर का हमारा सपना पूरा होने जा रहा है.

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