राकेश टिकैत के आंसू, लखीमपुर में किसानों की कुचलकर हत्या… इस तरह कृषि कानून को लेकर बैकफुट पर आई मोदी सरकार!

PM Modi Repeal three farm laws: टिकैत मीडिया के कैमरे के सामने रोने लगे. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो खत्म हो रहे किसान आंदोलन यहीं से यू-टर्न लिया और अंत में मोदी सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा.

By Prabhat Khabar News Desk | November 19, 2021 11:42 AM

उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बिगुल बजने से पहले पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून लेने का ऐलान किया है. देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हम किसानों को कृषि कानून के बारे में समझा नहीं पाए. कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है.

बता दें कि करीब एक साल से देशभर में किसान कृषि कानून का विरोध कर रहे थे. यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत विरोध का मोर्चा संभाले हुए थे. हालांकि इसी साल 26 जनवरी को हिंसक प्रदर्शन के बाद माना जा रहा था कि टिकैत फैमिली किसान आंदोलन से वापस आ जाएंगे.

लेकिन 29 जनवरी को राकेश टिकैत और उनके समर्थकों ने मीडिया को आरोप लगाया कि बीजेपी के लोनी विधायकों ने उन लोगों को हटने की धमकी दी है. साथ ही समर्थकों के साथ मारपीट भी की है, जिसके बाद राकेश टिकैत मीडिया के कैमरे के सामने रोने लगे. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो खत्म हो रहे किसान आंदोलन यहीं से यू-टर्न लिया और अंत में मोदी सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा.

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वरुण गांधी और सत्यपाल मलिक का हल्लाबोल– कृषि कानून पर जहां बीजेपी को विपक्षी नेताओं और किसानों का विरोध झेलना पड़ रहा था. वहीं पार्टी के ही कद्दावर नेता वरुण गांधी और मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी लगातार विरोध जता रहे थे. सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) तो सरकार को घमंडी और तानाशाही तक बता चुके हैं. राज्यपाल बनने से पहले सत्यपाल मलिक की गिनती पश्चिमी यूपी के बीजेपी के सबसे बड़ नेताओं में होती थी.

लखीमपुर खीरी हिंसा से किरकिरी- लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के बाद सरकार की खूब किरकिरी हुई. हिंसा में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा हैं. लखीमपुर में डिप्टी सीएम का विरोध कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचल दिया गया था, जिसकी जांच जारी है.

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