अयोध्या: केंद्रीय नागर विमानन व उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को अयोध्या में कहा कि 30 दिसंबर का दिन ऐतिहासिक है. हजारों वर्षों के इंतजार की अब घड़ी अब खत्म होने जा रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में श्रीविग्रह को स्थापित करने का कार्य पूर्ण होगा, इसी के साथ सूर्यवंश सहित अयोध्या वैभव लौट आएगा. एक ओर विपक्षी सरकारों ने अयोध्या को कोई सम्मान नहीं दिया, वह प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को नकारते थे. वहीं पीएम मोदी ने श्रीराम के सम्मान को बरकरार रखते हुए अयोध्या का खोया वैभव लौटाने का प्रयास किया है. यह पीएम मोदी की गारंटी के कारण ही संभव हो सका है.
उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया में आर्थिक नक्षत्र के तौर पर उभर रहा है. वहीं पीएम मोदी का प्रयास है कि भारत की आध्यात्मिक शक्ति से भी दुनिया अवगत हो. चाहें देवघर एयरपोर्ट हो, वाराणसी का एयरपोर्ट हो, महाकाल की नगरी उज्जैन की इंदौर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी हो. पीएम के विजन के अनुसार देश के आध्यात्मिक केंद्रों को एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन के नेटवर्क के जरिए देश-दुनिया से जोड़ा जा रहा है. अयोध्या में अब बोइंग व एयरबस जैसे हवाईजहाज भी लैंड कर सकेंगे. दिल्ली व अहमदाबाद की फ्लाइटों का यहां से संचालन किया जाएगा. अयोध्या को भारत के कोने-कोने से जोड़ा जाएगा. पीएम का संकल्प है कि भारत का पुनर्जागरण हो.
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केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि 30 दिसंबर 2023 की तारीख को विकास के प्रतिमान स्थापित करने के साथ ही पीएम मोदी के विजन और सीएम योगी के कुशल क्रियान्वयन के लिए भी जाना जाएगा. दिव्य नव्य व भव्य अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव को लौटाने का जो संकल्प पीएम नरेंद्र मोदी ने लिया, उसे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के कुशल क्रियान्वयन में पूरा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज अयोध्या विश्व से जुड़ रही है. 22 जनवरी के पूर्व 30 दिसंबर की तिथि भी अयोध्या के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
पीएम के विजन के कारण अयोध्या में विकास की बयार बह रही है. पीएम ने अयोध्या धाम स्टेशन का उद्घाटन किया, जो अयोध्या की विरासत को सहेजने के साथ ही नई सुविधआओं से लैस करने की प्रक्रिया को दर्शाता है. इसी तरह 6 वंदे भारत व 2 अमृत भारत ट्रेनें, आज भारत को समर्पित की गई हैं. इनके जरिए अयोध्या सहित देश के विभिन्न कोनों को जोड़ा गया है.
दिल्ली से वंदेभारत के ट्रेन के जरिए व पुश पुल टेक्नोलॉजी आधारित अमृत भारत ट्रेन के जरिए माता सीता की स्थली अयोध्या से जुड़ चुकी है. 2009 से 2014 तक केवल 11 हजार करोड़ रुपए का रेल बजट उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य को आवंटित होता था. अब 17100 करोड़ रुपए के बजट के जरिए उत्तर प्रदेश में रेलवे का विकास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पीएम ने 20300 करोड़ की रेल परियोजनाएं देश को समर्पित की हैं. उत्तर प्रदेश के हर स्टेशन का स्वरूप बदला है. प्रत्येक स्टेशन के इलेक्ट्रिफिकेशन समेत रीफॉर्मेशन के तमाम कार्यों को संपन्न किया गया है.
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