कोरोना वैक्सीन लगवाने पर अब नहीं मिलेगा पीएम मोदी वाला सर्टिफिकेट, जानें क्या है माजरा
अब कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद आपको पीएम मोदी वाला सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा. अभी जो सर्टिफिकेट मिल रहा था, उसमें पीएम मोदी की फोटो लगी होती थी. आइए जानते हैं इसकी वजह..
UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने आठ जनवरी को चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. इसी के साथ, अब इन राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई है. यही वजह है कि अब इन राज्यो में कोविड टीकाकरण प्रमाण पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं होगी.
मिली जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय तस्वीर को हटाने के लिए कोविन प्लेटफॉर्म पर आवश्यक फिल्टर लगाएगा. इससे पहले मार्च 2021 में, चुनाव आयोग के सुझाव पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ राजनीतिक दलों की शिकायतों के बाद असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में चुनावों के दौरान भी इसी तरह के कदम उठाये थे।
बता दें, चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही प्रदेश में कई चीजों पर प्रतिबंध लग गया है. अधिकारियों के तबादले पर रोक लगने के साथ ही प्रदेश में 15 जनवरी तक किसी भी तरह की रैली और पदयात्रा पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा अधिसूचना के तहत प्रदेश भर की सुरक्षा व्यवस्था एवं सरकारी कार्यप्रणाली पर पाबंदियां लग गई हैं.
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ऐसा पहली बार हो रहा है कि प्रदेश में चुनाव प्रचार पर ब्रेक लग गया है. डोर टू डोर कैम्पेनिंग के लिए राजनीतिक दलों को मात्र पांच लोगों की मंजूरी दी गई है. राज्यों और केंद्र सरकार के कर्मचारी चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक सरकार के नहीं, चुनाव आयोग के कर्मचारी की तरह काम करते हैं.
आचार संहिता लागू होने से किसी तरह की लोक-लुभावनी योजना की घोषणा नहीं की जा सकती है. प्रदेश सरकार भी अब किसी भी तरह की घोषणा को चुनाव आयोग की मुहर के बिना घोषित नहीं कर सकती है. इसके अलावा, चुनाव के दौरान धार्मिक स्थलों का प्रयोग नहीं होगा. वोट पाने के लिए कोई भी दल या उम्मीदवार किसी जाति या धर्म का सहारा नहीं लेगा. रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. मतदान होने के 48 घंटे पहले किसी भी तरह का प्रचार नहीं किया जा सकता.
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आचार संहिता के लागू होने से, सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं. वोट पाने के लिए कोई भी दल या उम्मीदवार किसी जाति या धर्म का सहारा नहीं लेगा. सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता, जिससे किसी विशेष दल को फायदा पहुंचता हों.
Posted By: Achyut Kumar